6 महीने तक ट्रांसफर नहीं होने देने की धमकी देने वाले मुख्तार के बेटे का क्या हुआ?
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6 महीने तक ट्रांसफर नहीं होने देने की धमकी देने वाले मुख्तार के बेटे का क्या हुआ?

UP Assembly Election 2022 Result: अब्बास अंसारी, ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मऊ सीट से चुनाव लड़ रहे थे. एक जनसभा में उन्होंने अधिकारियों से हिसाब लेने की धमकी दी थी.

अब्बास अंसारी (फाइल फोटो) | साभार- फेसबुक@AbbasAnsari00786

लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) मऊ (Mau) विधान सभा सीट से जीत गए हैं. अब्बास अंसारी ने धमकी दी थी कि समाजवादी पार्टी (SP) की सरकार आने पर 6 महीने तक अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होने देंगे. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से बात हो गई है, पहले उनका हिसाब होगा. एसबीएसपी (SBSP) उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने बीजेपी उम्मीदवार को 38 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.

  1. बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे हैं अब्बास अंसारी
  2. अब्बास अंसारी ने अशोक कुमार सिंह को हराया
  3. अब्‍बास अंसारी को मिले 1,24,691 वोट

मऊ से चुनाव जीते अब्बास अंसारी

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में समाजवादी पार्टी (SP) गठबंधन में शामिल पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (OP Rajbhar) के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) 6 सीटों पर जीत गई. एसबीएसपी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सीट से चुनाव जीत गए हैं.

18 सीटों पर एसबीएसपी ने लड़ा चुनाव

इसके अलावा, एसबीएसपी के चार अन्य उम्मीदवारों को भी जीत मिली है. समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके एसबीएसपी ने राज्य की 18 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ा. चुनाव आयोग के अनुसार, जहूराबाद में ओमप्रकाश राजभर को 1,14,860 वोट और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के कालीचरण को 69,228 मत मिले. ओपी राजभर ने 45,632 वोटों के अंतर से कालीचरण को हरा दिया.

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38 हजार से ज्यादा वोटों से जीते अब्बास अंसारी

मऊ में एसबीएसपी उम्मीदवार अब्‍बास अंसारी को 1,24,691 वोट मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार सिंह को 86,575 वोट ही मिल पाए. अब्बास अंसारी ने अशोक कुमार सिंह को 38 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया.

उधर, वाराणसी जिले की शिवपुर विधान सभा सीट पर एसबीएसपी के प्रमुख महासचिव और ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने मात दी. जान लें कि पिछड़ा वर्ग कल्‍याण मंत्री अनिल राजभर को 1,15,231 वोट मिले जबकि अरविंद 87,544 वोट ही हासिल कर पाए. अरविंद राजभर 2017 में बलिया जिले की बांसडीह सीट से बीजेपी समर्थित एसबीएसपी के उम्मीदवार थे और तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

उल्लेखनीय है कि साल 2017 के विधान सभा चुनाव में एसबीएसपी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत मिली. इसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व की बीजेपी सरकार में ओपी राजभर ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली.

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हालांकि, कुछ ही महीनों बाद बीजेपी से उनकी अनबन शुरू हो गई. 2019 में राजभर ने बीजेपी से विद्रोह कर दिया और मंत्री पद छोड़ने के बाद वो लगातार विरोधी तेवर अपनाए रहे. इस बार विधान सभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2017 में बीजेपी से समझौते के बाद पहली बार विधान सभा चुनाव में जीत का स्वाद चखा था और तब आठ सीटों में से चार सीटों पर एसबीएसपी को जीत मिली. एसबीएसपी को कुल पड़े वोटों का 0.70 प्रतिशत मत और लड़ी हुई सीटों पर 34.14 प्रतिशत मत मिले थे.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, देवरिया आदि जिलों में राजभर बिरादरी के मतदाताओं की अच्छी संख्या है और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस दल की सबसे प्रमुख ताकत राजभर बिरादरी है.

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