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COVID-19 Vaccine : भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मंगलवार को जेननोवा बायोफार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित और भारत द्वारा स्वदेश में विकसित पहले कोविड-19 रोधी एम-आरएनए टीके को 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए सीमित आपात उपयोग के लिहाज से मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
डीसीजीआई की बैठक में बड़ा फैसला
आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अन्य एम-आरएनए टीकों को शून्य से कम तापमान में रखने की जरूरत होती है, वहीं जेननोवा के एम-आरएनए टीके को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस में रखा जा सकता है. डीसीजीआई ने 7 साल से 11 साल की उम्र के बच्चों के लिहाज से कुछ शर्तों के आधार पर सीमित आपात उपयोग के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविड-19 रोधी टीके कोवोवैक्स को भी मंजूरी प्रदान की.
7 से 11 साल की उम्र के बच्चों को लगेगी वैक्सीन
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीएसडीसीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति ने पिछले सप्ताह 7 से 11 साल की उम्र के बच्चों के लिए कोवोवैक्स और 18 साल तथा उसे ज्यादा आयु के लोगों के लिए जेननोवा के एम-आरएनए टीके की दो खुराक के आपात उपयोग की स्वीकृति देने की सिफारिश की थी.
मांगे गए थे आंकड़े
आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इस संबंध में 16 मार्च को डीसीजीआई को आवेदन दिया था. विशेषज्ञ समिति ने अप्रैल में अपनी पिछली बैठक में पुणे से संचालित कंपनी से आवेदन के संबंध में और आंकड़े मांगे थे.
पहले लिया गया था ये फैसला
डीसीजीआई ने कोवोवैक्स को 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए मंजूरी दी थी और 12 से 17 साल की आयु के बच्चों को कुछ शर्तों के साथ इसे देने की स्वीकृति नौ मार्च को दी थी. देश में 12 से 14 साल के बच्चों को 16 मार्च से कोविड रोधी टीके की खुराक देना शुरू किया गया था.
(इनपुट-भाषा)