साउथ ब्लॉक में लगी 1971 में पाकिस्तान के सरेंडर वाली पेटिंग को हटा दिया गया और उसकी जगह पर एक नई पेटिंग लगाई है. जिसको लेकर कांग्रेस ने जमकर विरोध कराया. हालांकि बाद में सेना ने बताया कि 1971 वाली पेंटिंग को हटाया बल्कि उससे बेहतर जगह पर शिफ्ट किया गया है.
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1971 War Painting: सोमवार को साउथ ब्लॉक में सेना प्रमुख के लाउंज में बांग्लादेश युद्ध के दौरान पाकिस्तान के आत्मसमर्पण वाली पेंटिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया. इस पेंटिंग की की जगह एक 'अर्ध-पौराणिक' पेंटिंग लगाए जाने को लेकर प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने ऐतराज जताया. हालांकि अब इस पेंटिंग को लेकर भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि 1971 जंग वाली पेंटिंग को हटाया नहीं गया है, बल्कि दिल्ली छावनी के मशहूर मानेकशॉ सेंटर में शिफ्ट किया गया है.
कांग्रेस ने इस विवाद को उठाते हुए मोदी सरकार पर इतिहास को मिटाने और फिर से लिखने की कोशिश करने का आरोप लगाया. प्रियंका ने सोमवार को लोकसभा में कहा,'पाकिस्तानी सेना को भारत के सामने आत्मसमर्पण करते हुए दिखाने वाली तस्वीर सेना मुख्यालय से हटा दी गई है. उस तस्वीर को वापस लगाया जाना चाहिए.'
इस तस्वीर को हटाने पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव देने वाले कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस फैसले को 'परेशान करने वाला' और 1971 की जंग की ऐतिहासिक याद का अपमान करार दिया. उन्होंने कहा कि यह इस देश में बहुत दुखद बात है कि जब 16 दिसंबर को हम विजय दिवस मना रहे हैं, तब रक्षा मंत्रालय से ऐतिहासिक तस्वीर हटा दी गई है. यह दर्शाता है कि मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार अतीत की सभी ऐतिहासिक चीजों को मिटाना चाहती है.'
On the occasion of #VijayDiwas, #GeneralUpendraDwivedi #COAS, along with the President #AWWA, Mrs Sunita Dwivedi, installed the iconic 1971 surrender painting to its most befitting place, The Manekshaw Centre, named after the Architect and the Hero of 1971… pic.twitter.com/t9MfGXzwmH
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) December 16, 2024
हालांकि, सेना ने स्पष्ट किया कि पेंटिंग को भारत और विदेश के गणमान्य व्यक्तियों सहित व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने के लिए इसे स्थानांतरित करना एक जानबूझकर किया गया कदम था. सेना ने एक बयान में कहा,'यह पेंटिंग भारतीय सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी सैन्य जीतों में से एक है और सभी के लिए न्याय व मानवता के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. मानेकशॉ सेंटर नई दिल्ली में इसकी स्थापना से बड़ी संख्या में दर्शकों को लाभ मिलेगा, क्योंकि इस स्थान पर भारत और विदेश से विविध दर्शक और गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में आते हैं.'
नई पेंटिंग में क्या है?
दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी को आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर दस्तखत करते हुए दिखाने वाली मशहूर तस्वीर में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और अन्य के साथ बैठे हुए हैं. यह पेंटिंग कई वर्षों तक संसद के साउथ ब्लॉक के सेना प्रमुख लाउंज की शोभा बढ़ा रही थी. यह यादगार तस्वीर आर्मी चीफ के दफ्तर के बगल में लगी हुई थी जहां वे आने वाले गणमान्य व्यक्तियों से मिलते हैं. हालांकि अब उस जगह इस पेंटिंग को हटा दिया और एक नई पेंटिंग लगा दी गई है. जिसमें पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच आधुनिक टैंक, रॉकेट लांचर और हमलावर हेलीकॉप्टरों के साथ अर्जुन, गरुड़ और चाणक्य के साथ कृष्ण के रथ को दिखाया गया है.