Swelling Treatment: दर्द और सूजन होने पर कौन सी सिकाई करना रहेगा बेस्ट? यहां जानें
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Swelling Treatment: दर्द और सूजन होने पर कौन सी सिकाई करना रहेगा बेस्ट? यहां जानें

Swelling Treatment: चोट लगने पर अक्सर प्रभावित हिस्से पर हमें सिकाई करने की सलाह दी जाती है. लेकिन लोगों में इस बात की कंफ्यूजन रहती है कि ये सिकाई ठंडी करनी है या गर्म? अगर आप भी सही तरीका नहीं जानते हैं तो पढ़ें ये खबर...

 

Swelling Treatment: दर्द और सूजन होने पर कौन सी सिकाई करना रहेगा बेस्ट? यहां जानें

Swelling Treatment: जब कभी भी हमें चोट लगती है, या किसी अन्य वजह से शरीर के किसी हिस्से पर सूजन या दर्द होता है, तो सिकाई करने की सलाह दी जाती है. कुछ लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि ठंडी सिकाई करनी है या गर्म सिकाई. आपको बता दें, वैसे तो दोनों ही तरह की सिकाई आरामदायक होती है, लेकिन दोनों का काम अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं कैसे और कौन सी सिकाई किस दर्द और सूजम में बेहतर मानी जाती है...

जानें कब करनी चाहिए गर्म सिकाई (Heat Therapy)
गर्म सिकाई यानी हीट थेरेपी का इस्तेमाल पुराने दर्द, जोड़ों के दर्द और जकड़न को ठीक करने में किया जाता है. इस तरह की समस्याओं से परेशान लोगों को गर्म पानी से नहाने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और आराम मिलता है. हालांकि गहरी चोट लगने पर हीट थेरेपी न लेने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि गर्म सिंकाई से ब्लड सर्कुलेशन तेजी से बढ़ जाता है और मसल्स टिशू प्रभावित हो सकते हैं. 
 
शरीर के किन हिस्सों पर करनी चाहिए गर्म सिकाई
अगर शरीर में दर्द, मोच, क्रॉनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस, टेंडन में क्रोनिक इरीटेशन और उनका हार्ड हो जाना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पीठ की चोट या दर्द, गर्दन में दर्द होने पर करना चाहिए.

कब करना चाहिए ठंडी सिकाई (Cold Therapy)
कई बार हमें चोट लगने पर बर्फ या ठंडे पानी से सिकाई करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से ब्लड का बहाव कम हो जाता है. इससे चोट वाली जगह सूजन और दर्द कम हो जाता है. ठंडे पानी या बर्फ से सिंकाई करने पर डैमेज टिशूज को आराम मिलता है. इससे सूजन और मांसपेशियों का दर्द कम हो जाता है. हालांकि घाव पर कभी भी सीधे बर्फ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
 
किस तरह की चोट पर करें ठंडी सिकाई  
जब क्रॉनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस, अंदरुनी चोट, गठिया, शरीर में दर्द, चलने-दौड़ने या एक्सरसाइज के दौरान टेंडन में जलन होने पर ठंडे पानी या बर्फ से सिकाई करना चाहिए. वहीं सिकाई करते समय ये ध्यान रखें कि 20 मिनट से ज्यादा कभी भी बर्फ से सिकाई न करें. ज्यादा देर तक बर्फ से सिकाई करने से तंत्रिका, स्किन और टिश्यू को नुकसान हो सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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