OCD Treatment: आजकल लोगों पर ऑफिस के काम का प्रेशर और निजी जिंदगी की परेशानियां काफी हावी हो रही हैं. जिसके चलते लोग ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं. युवाओं में इन दिनों ये एक आम समस्या बन गई है.
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OCD Treatment: आजकल युवाओं पर ऑफिस के काम का प्रेशर काफी ज्यादा रहता है. इसी के साथ लोगों की जीवनशैली भी गड़बड़ चल रही हैं. ठीक से नींद पूरी न होना, सही आहार ग्रहण न करना, लगातार ऑफिस में कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम करने के चलते लोग मानसिक तनाव में जीने को मजबूर हैं. भागदौड़ और व्यस्तता से भरे जीवन के चलते लोग लगातार कई मानसिक विकारों का शिकार हो रहे हैं. लेकिन कई बार लोग इन विकारों की सही पहचान नहीं पाते हैं. जिससे उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. बीते कुछ समय से ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर जो कि एक मानसिक बीमारी है, इन दिनों कई लोग इससे परेशान हैं. आइये जानें इसके बारे में सबकुछ...
क्या है ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (What Is OCD?)
ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक तरह की मानसिक बीमारी है. इससे पीड़ित व्यक्ति के मन में एक ही तरह के विचार बार-बार आते हैं. जब्कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को यह पता होता है कि बार-बार एक ही चीज सोचने का कोई मतलब नहीं है, फिर भी वह ऐसा करने से खुद को रोक नहीं पाता है. यह समस्या ज्यादातर आजकल युवाओं में देखी जा रही है.
ओसीडी के लक्षण (Symptoms Of OCD)
1. ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति के मन में बार-बार एक ही विचार चलना.
2. इसमें आप डिप्रेशन या एंग्जाइटी के शिकार भी हो सकते हैं.
3. अनिद्रा भी ओसीडी के लक्षण हो सकते हैं.
4. ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति अक्सर खुद के हर्ट होने को लेकर चिंतित रहता है.
5. बार-बार आंख झपकना भी ओसीडी के लक्षण हो सकते हैं.
6. कदमों या किसी भी चीज को बार-बार गिनने की आदत.
7. हर समय छोटी चीजों को लेकर चिंतित रहना.
ओसीडी का इलाज (Treatment Of OCD)
1. आपको बता दें कि OCD की बीमारी का कोई इलाज नहीं है. फिलहाल आप अपनी डाइट में बदलाव करके इसे नियंत्रित जरूर कर सकते हैं.
2. ओसीडी पीड़ित व्यक्ति अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल जरूर शामिल करे.
3. अधिक समय फोन या लैपटॉप स्क्रीन पर न बिताएं.
4. सिरोटोनिन हार्मोन की कमी से ओसीडी के समस्या हो जाती है. इसलिए इसे बढ़ाने के लिए दवा खाएं.
5. ओसीडी को कंट्रोल करने के लिए बीहेवियरल थैरेपी और टॉक थैरेपी की मदद ले सकते हैं.
6. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन और फाइबर रिच डाइट लें.
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