Kutte Katne Par Kya Karen: आजकल कुत्ते के काटने की घटना लगातार बढ़ रही है, जिसको लेकर माता-पिता अपने बच्चों को पार्क में अकेला छोड़ने से डरने लगे हैं. क्या आप जानते हैं कि डॉग बाइट के कारण फैलना वाला रेबीज वायरस इंसानों के लिए कितना खतरनाक है.
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World Rabies Day 2024: हममें से काफी लोगों को कुत्तों के करीब जाने से डर लगता है. ऐसा खौफ लाजिमी है क्योंकि अक्सर हम डॉग बाइट की खबर सुनकर सहम जाते हैं. यही वजह है कि कई बार हम अपने बच्चों को ऐसी जगह अकेले नहीं जाने देते जहां आवारा कुत्तों का आना जाना हो. साल 2023 में दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक शख्स के बेटे को एक महीने पहले कुत्ते ने काट लिया था.डर के मारे उस बच्चे ने इस हादसे की जानकारी किसी को नहीं दी.कई दिनों के बाद उसकी बॉडी में चेंजेज आने लगे और एक वक्त ऐसा आया कि बच्चे के मुंह से लार टपकने लगी और वो पानी पीने से डरने लगा. पीड़ित बच्चे के पिता ने कई अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन किसी ने मासूम का ट्रीटमेंट नहीं किया. इलाज की कमी के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. इस घटना को लेकर काफी माता पिता सहम गए.
क्यों खतरनाक है रेबीज?
डॉ. इमरान अहमद ने बताया कि रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो हमारे सेंट्रल नर्वस को नुकसान करती है, कई बार तो ये जानलेवा साबित हो सकती है. रेबीज शब्दिक अर्थ है 'पागलपन' ये न सिर्फ कुत्तों बल्कि कई जंगली मांसाहारी जनवरों के काटने पर फैलती है. इंसान ही नहीं कई वार्म ब्लजेज एनिमल्स भी इसको लेकर सेंसेटिव होते हैं.
रेबीज वायरस कैसे फैलता है?
रेबीज वायरस कुत्तों और कई जानवरों की स्लाइवरी ग्लैंडंस (Salivary Glands) में मौजूद होता है, जब कुत्ते किसी इंसान को काटते हैं तो ये वायरस खून के जरिए बॉडी में दाखिल हो जाता है और फिर ब्रेन में पहुंचकर सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. फिर ये उस इंसान की स्लाइवरी ग्लैंडस में फैलकर मुंह में झाग पैदा करता है. ये वायरस 10 दिनों से लेकर 8 महीने के बीच कभी भी अपना रंग दिखा सकता है.
रेबीज वायरस का इंसानों पर असर
जिस इंसान को कुत्ता या रेबीज वाले जानवर काट लें उसको सिरदर्द, मतली, उल्टी, एनोरेक्सिया, मतली और मसल्स में अकड़न हो सकती है, इसके शिकार इंसान के गले की मांसपेशियां लकवाग्रस्त हो जाती हैं जिससे वो पानी को निगल नहीं पाता, यही वजह है कि वो हाइड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है, इसका मतलब है पानी से डर. इतना ही नहीं, इससे रेस्पिरेटरी फेलियर और हार्ट फेलियर की वजह से इंसान की मौत हो जाती है.
रेबीज का इलाज क्या है?
रेबीज का पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियों को अपनाकर इससे बचा जा सकता है. कुत्ते काटने के बाद आप घाव को तुरंत साफ कर दें ताकि ये शरीर के बाकी हिस्सों में न फैले. इसके अलावा आपको 24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज सीरम देना होगा, ये इंजेक्शन एंटीजन के खिलाफ पहले से तैयार एंटीबॉडी देता है. अगर सीरम देने में देर हो गई तो जान बचना मुश्किल है. इसके अलावा पालतू कुत्तों को भी एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाना जरूरी है ताकि अगर ये किसी को काटे तो इसका असर इतना खतरनाक न हो.
कब मनाया जाता है वर्ल्ड रेबीज डे?
हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे (World Rabies Day) मनाया जाता है, ये लुईस पाश्चर (Louis Pasteur) की डेथ एनिवर्सरी (Death Anniversary) है, ये वो साइंटिस्ट हैं जिन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रेबीज वैक्सीन तैयार किया था. विश्व रेबीज दिवस का मकसद इंसानों और जानवरों पर रेबीज के असर को लेकर जागरूकता फैलाना है.
(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)