Cancer: इस कैंसर में फायदेमंद है व्यायाम, मरीजों का दर्द और थकान हो जाता है दूर
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Cancer: इस कैंसर में फायदेमंद है व्यायाम, मरीजों का दर्द और थकान हो जाता है दूर

स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. इस बीमारी के इलाज में कई तरह की दवाइयां और सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है.

Cancer: इस कैंसर में फायदेमंद है व्यायाम, मरीजों का दर्द और थकान हो जाता है दूर

स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. इस बीमारी के इलाज में कई तरह की दवाइयां और सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है. इन उपचारों के अलावा, कसरत भी स्तन कैंसर के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है.

हाल ही में अमेरिका के डाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि स्तन कैंसर के मरीजों को कसरत करने से दर्द और थकान से राहत मिल सकती है. अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. एरिक वी. लार्सन ने कहा कि हमारा अध्ययन बताता है कि स्तन कैंसर के मरीजों के लिए कसरत करना फायदेमंद हो सकता है। कसरत से दर्द और थकान में कमी आ सकती है, जिससे मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. 

कार्डियो और एरोबिक फायदेमंद
स्तन कैंसर के चौथे स्टेज से जूझ रही 360 महिलाओं को अध्ययन में शामिल किया गया. इनमें से 180 मरीजों को हफ्ते में दो बार एक्सरसाइज प्रोग्राम में हिस्सा लिया. इस लोगों से कार्डियो, एरोबिक और स्ट्रेच से जुड़े व्यायाम करवाए गए. तकरीबन 9 महीने बाद दोनों ग्रुप ने खुद पर मेंटल और इमोशनल बदलावों के बारे में बताया. एक्सरसाइज प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले मरीज दूसरे ग्रुप की तुलना में ज्यादा खुश और पॉजिटिव मिले.

कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर
स्ट कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. इन असामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाएं कहा जाता है. कैंसर कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं. ब्रेस्ट कैंसर के सटीक कारण अभी भी पूरी तरह से समझ में नहीं आए हैं, लेकिन कुछ फैक्टर को बढ़ा सकते हैं, जिसमें शामिल है उम्र, परिवार का इतिहास, जीन उत्परिवर्तन, हार्मोन और लाइफस्टाइल.

समय पर इलाज नहीं कराना घातक
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि स्तन कैंसर का उपचार इस पर निर्भर करता है कि यह कौन से स्टेज में है. ऐसे में उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड ड्रग थेरेपी एवं हार्मोनल थेरेपी का प्रयोग किया जाता है. यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह घातक रूप लेने लगता है.

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