काली हल्दी आमतौर पर भारत के पूर्वोत्तर और मध्य प्रदेश में उगाई जाती है. पीली हल्दी की तरह ही इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो कई रोगों से शरीर की सुरक्षा करते हैं.
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Benefits Of Black Turmeric: भारतीय खाने को जायकेदार बनाने वाले मसालों में हल्दी (Turmeric) भी सबसे अहम रोल निभाती है. यह रंगत देने के अलावा अच्छी सेहत के लिए बहुत कारगार होती है. हल्दी का उपयोग न सिर्फ रसोई में किया जाता है, बल्कि औषधि के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाया है. एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) से भरपूर हल्दी हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है.
अब तक आप पीली हल्दी का इस्तेमाल करते आ रहे होंगे, लेकिन क्या आपने काली हल्दी (Black Turmeric) के बारे में सुना है? यह कालापन लिए कुछ-कुछ नीले कलर की होती है. आज हम आपको काली हल्दी के फायदों (Black Turmeric Benefits) के बारे में बता रहे हैं.
जनजातियों के लिए है खास महत्व
काली हल्दी का वैज्ञानिक नाम Curcuma caesia है. यह आमतौर पर भारत के पूर्वोत्तर और मध्य प्रदेश में उगाई जाती है. मणिपुर व कुछ अन्य राज्यों में जनजातियों के लिए इस पौधे का विशेष महत्व है. यहां इसकी जड़ों से तैयार लेप को घावों और सांप व बिच्छू के काटने पर भी लगाते है.
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औषधीय गुणों से है भरपूर
पीली हल्दी की तरह ही इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. जैसे ऐंटिफंगल, एंटी अस्थमा, एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक, लोकोमोटर डिप्रेसेंट, एंटीकॉन्वेलसेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-अल्सर और मांसपेशियों को आराम देने वाले प्रभाव, चिंताजनक और सीएनएस अवसाद से राहत देने वाले गुण शामिल हैं. इसमें पाए जाने वाले इन औषधीय गुण कई रोगों से शरीर की सुरक्षा करते हैं.
सांस से जुड़ी परेशानियों से मिलेगा छुटकारा
सांस से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए काला हल्दी का उपयोग काफी फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि इसमें इंफ्लेमेट्री गुण पाया जाता है. इससे सर्दी जुकाम, खांसी और अस्थमा से छुटकारा मिलता है.
पीरियड्स में मिलेगी राहत
ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द से गुजरना पड़ता है. ऐसे में काली हल्दी काफी राहत पहुंचा सकती है. आप गरम दूध में काली हल्दी के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस दूध को पीने से आपका दर्द कम होगा.
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तेज सिरदर्द में आराम मिलेगा
माइग्रेन की परेशानी में सिर के पीछे की ओर एक भाग में बहुत तेज दर्द होता है. इससे पीड़ित व्यक्ति तेज आवाज और रोशनी से संवेदनशील हो जाता है. काली हल्दी के उपयोग से इसमें राहत मिल सकती है. ताजा हल्दी को कूटकर माथे पर लेप के रूप में लगाने से सिरदर्द में आराम मिलेगा.
एंटी कैंसर गुण
काली हल्दी में करक्यूनिन नाम का तत्व मौजूद होता है. इस तत्व में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर के सेल्स बढ़ने नहीं देते या उन्हें पनपने से रोकते हैं.
पेट की इन समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
काली हल्दी के इस्तेमाल से गैस्ट्रिक समस्याओं जैसे एसिड रिफ्लक्स, गैस, सूजन, हिचकी, अपच, अल्सर से राहत मिलती है. इसके लिए आप काली हल्दी की कुछ मात्रा खाने के साथ या पानी के साथ ले सकते हैं.
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ल्यूकोडर्मा से छुटकारा दिलाने में लाभदायक
ल्यूकोडर्मा चर्म रोग होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि त्वचा किसी हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में आने से, आनुवंशिकी या फिर इम्यून सिस्टम में असंतुलन से हो सकता है. इसके इलाज के रूप में काली हल्दी का लेप प्रभावित त्वचा पर लगाएं. काली हल्दी में स्टेरॉयड्स होता है, जो ल्यूकोडर्मा के इलाज में जरूरी होता है.
ये भी हैं फायदे
काली हल्दी में भी हमारे शरीर को हुए घाव या चोट भरने की क्षमता होती है. कोलाइटिस के इलाज के लिए काली हल्दी के अर्क का सेवन लाभदायक है. शरीर पर हुई सूजन को कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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