Champai Soren Interview: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और स्थापना के समय से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के सीनियर नेता रहे चंपई सोरेन शुक्रवार को औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. इस मौके पर उन्होंने खुद से जुड़े कई सियासी खुलासे किए.
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Champai Soren News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के सीनियर नेता रहे चंपई सोरेन ने शुक्रवार को रांची के शाखा मैदान में आयोजित एक समारोह में औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. इस दौरान उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा देने, राजनीति से संन्यास लेने या नई पार्टी या संगठन बनाने के इरादे और आखिरकार बीजेपी में शामिल होने से जुड़े सवालों पर दो टूक जवाब दिए.
दिल्ली और कोलकाता में झारखंड सरकार ने कराई जासूसी
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक बयान में सोरेन ने कहा, "झारखंड सरकार द्वारा दिल्ली और कोलकाता में मुझ पर निगरानी रखे जाने के बाद बीजेपी में शामिल होने का मेरा संकल्प मजबूत हुआ." बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने कहा, 'बीजेपी आदिवासियों की पहचान बचा सकती है और झारखंड के संथाल परगना में घुसपैठ रोक सकती है.' उन्होंने आगे कहा, ''मैं बहुत विचार-विमर्श के बाद बीजेपी में शामिल हो रहा हूं."
भाजपा में जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरे मन से निभाऊंगा
इससे पहले, समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा, "मैं आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए काम करूंगा. उनकी आबादी घट रही है और मैं इस मुद्दे पर आवाज उठाऊंगा. भाजपा में शामिल होने के बाद मुझे दी जाने वाली सभी जिम्मेदारियां निभाऊंगा. मैंने 18 अगस्त को ही पोस्ट किया था कि जिस पार्टी को मैंने अपने खून-पसीने से बनाया है, उसमें मेरे साथ क्या राजनीति हुई... "
पहले की तरह झारखंड और आदिवासियों के लिए ही लड़ेंगे
सोरेन ने आगे कहा, "मैंने सोच लिया था कि नई पार्टी या संगठन बनाऊंगा या फिर अगर मुझे कोई साथी मिलता है, तो मैं झारखंड की भलाई के लिए उनके साथ जुड़ूंगा. हमें बीजेपी के रूप में एक अच्छा साथी मिला है, मैं आज बीजेपी में शामिल हुआ हूं. हम पहले की तरह झारखंड के लिए लड़ेंगे. झारखंड के विकास के लिए काम करेंगे, आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए हम झारखंड का विकास करेंगे."
बहुत सोच विचार कर ही बीजेपी में शामिल होने का फैसला
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान चंपई सोरेन ने कहा कि मुझे जेएमएम में मंच नहीं मिला तो बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि वो दुखी हैं और बहुत सोच विचार कर ही बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा, “मैं अपनी पीड़ा देश और प्रदेश के लोगों के साथ साझा कर चुका हूं. पार्टी (जेएमएम) में ऐसी कोई भी जगह नहीं हैं, जहां पर मैं अपनी पीड़ा व्यक्त कर सकता था और जो लोग मुझसे सीनियर हैं, जैसे शिबू सोरेन, लेकिन समस्या है कि वो मौजूदा समय में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं. ऐसी स्थिति में हमें कोई मंच नहीं मिल पा रहा है, जहां अपनी पीड़ा बयां कर सकूं.”
जेएमएम छोड़ना और बीजेपी में जाना... कभी सोचा नहीं था
उन्होंने आगे कहा, “सच कहूं, तो मैंने आज तक कभी-भी यह नहीं सोचा था कि मुझे जेएमएम से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल होना पड़ेगा, लेकिन मेरे लिए जेएमएम में ऐसी राजनीतिक परिस्थितियां पैदा कर दी गईं थीं कि मुझे इस्तीफा देना पड़ा. ऐसा मैंने सच कहूं, तो कभी नहीं सोचा था. मैंने अपने राजनीतिक जीवन को ध्यान में रखते हुए दो ही फैसले लिए थे कि या तो मैं अपना खुद का दल बनाऊंगा या तो राजनीति से ही संन्यास ले लूंगा, लेकिन आज की तारीख में मेरे लिए परिस्थितियां काफी अलग हो चुकी हैं. इसी वजह से मुझे यह फैसला लेना पड़ा.”
समर्थकों के कहने पर बदला राजनीति से संन्यास का इरादा
मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों का खुलासा करते हुए सोरेन ने कहा, “बीते दिनों जब मैं जमशेदपुर गया था, तो मुझे मेरे समर्थकों ने स्पष्ट कह दिया था कि आपको किसी भी कीमत पर संन्यास नहीं लेना है, क्योंकि झारखंड की राजनीति को आपकी जरूरत है. आपका योगदान प्रदेश की राजनीति को समृद्ध करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा. इसलिए मैंने जनता की मांग पर वह इरादा छोड़ दिया.”
बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद
जब चंपई सोरेन से यह सवाल किया गया कि इंडी गठबंधन बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाती है, तो इस पर आपकी क्या राय है? इसके जवाब में चंपई सोरेन ने सवालिया लहजे में कहा, “कौन आरोप लगा रहा है? सच कहूं, तो मैं इन आरोपों को गंभीरता से नहीं लेता. कारण यह है कि इन आरोपों में बिल्कुल भी सत्यता नहीं है. शायद कई लोगों को यह नहीं पता है कि इससे पहले बीजेपी और जेएमएम गठबंधन में रहकर सरकार चला चुके हैं, तो ऐसे में आप खुद ही समझ सकते हैं कि आखिर मैं क्यों इन आरोपों को गंभीरता से नहीं ले रहा हूं.”
जेएमएम ने कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन किया
उन्होंने आगे कहा, “आखिर वो कौन है, जो इस तरह का आरोप लगा रहा है. मैं जानना चाहता हूं, उस व्यक्ति के बारे में, अगर मुझे एक बार उस व्यक्ति के बारे में पता चल जाएगा, तो मैं आपको सवालों का जवाब दूंगा, लेकिन उससे पहले मैं आपके किसी भी सवाल का जवाब नहीं देने वाला हूं. इस बात से हर कोई वाकिफ है कि इस देश में दो ही राष्ट्रीय दल है, एक बीजेपी और दूसरा कांग्रेस. बीजेपी पिछले कई सालों से सत्ता में है. जेएमएम ने कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन किया."
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जरा सोच समझकर लगाएं आरोप, दूर तक होता है असर...
चंपई सोरेन ने आगे कहा, “ऐसी राजनीतिक स्थिति में आप मेरा विश्वास कीजिए कि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर वो कौन है, जो इस तरह का आरोप लगा रहा है.मैं यही सुझाव देना चाहूंगा कि अगर कोई इस तरह के आरोप लगा रहा है, तो जरा सोच समझकर लगाए, क्योंकि इन आरोपों का प्रभाव बहुत दूर तक पड़ता है.” जेएमएम में अपनी उपेक्षा, लगातार अपमान और हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों से तंग आकर कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन को पत्र लिखा और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.
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