Gold-Silver on Dhanteras 2024: सोने की कीमत अपने ऑल टाइम हाई पर है. इसमें निवेश के लिए मोटा पैसा चाहिए. सोने में निवेश करने वाले लोगों के मन में सवाल है कि अब इसमें निवेश कहीं उन्हें महंगा तो नहीं पड़ेगा. सोने की हाई रेट को देखते हुए लोग इस संशय में फंसे हुए है.
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Gold-Silver on Dhanteras 2024: सोना खरीदना सिर्फ शुभ का संकेत नहीं बल्कि मुश्किल दौर में काम आने वाला सेफ इंवेस्टमेंट भी है. इसलिए शादी-विवाह हो या त्योहार लोग सोने-चांदी की खरीदारी जरूरत करते हैं. सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश रहा है. सोने में मिलने वाला रिटर्न निनेशकों को आकर्षित करता है. अगर बीते एक साल के आंकड़ें को देखें तो सोने से 33 फीसदी का रिटर्न दिया है तो चांदी ने 40 फीसदी का रिकॉर्ड रिटर्न दिया है. सोने ने शेयर बाजार से भी ज्यादा मुनाफा दिया है.
एक साल में कितना रिटर्न
पिछले साल 10 नवंबर को धनतेरस था, सोने की कीमत उस वक्त 61000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब थी. अगर पिछले धनतेरस आपने 10 ग्राम सोना लिया होगा तो आज उसपर आपको करीब 20 हजार का मुनाफा हो चुका है. इस साल सोने की कीमत 80 हजार के करीब पहुंच गई है. इसी तरह से चांदी की कीमत पर नजर डाले तो बीते साल चांदी की कीमत 70 हजार रुपये के करीब थी, जो इस साल 1 लाख रुपये के पास पहुंच चुकी है. इस तरह से सोने-चांदी का रिटर्न देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्यों इसकी इतनी डिमांड है.
सोना-चांदी खरीदे या फिर शेयर में करें निवेश
सालभर में सोने की कीमत 15000 से अधिक बढ़ी तो वहीं चांदी की कीमत 23000 रुपये से अधिक उछल चुकी है. सोने-चांदी की कीमत में इस उछाल को देखते हुए लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि सोने में निवेश करें या जमीन-प्रॉपर्टी में पैसा लगा दें या फिर जल्दी पैसा डबल करने के लिए शेयर, म्यूचुअल फंड में लगाएं ? हालांकि सोने और शेयर बाजार में निवेश की तुलना कोई नई बात नहीं है, लेकिन वक्त-वक्त पर दोनों का पलड़ा बदलता रहता है.
सोना क्यों है ऑल टाइम चैंपियन
सोने के दाम पर कई देशों की अर्थव्यवस्था टिकी होती है, अगर बीते एक साल के आंकड़ों को देखें तो सोने के दाम शेयर बाजार से भी तेजी से बढ़े हैं. हालांकि भारत में इसके उलट शेयर बाजार ने तेजी के साथ सोने को पछाड़ दिया, लेकिन जैसे की शेयर बाजार करेक्शन की दौर से गुजरा सोने की कीमत ने सेंसेक्स को ओवरटेक करते हुए फिर से बढ़त बना ली. आम लोग से साथ-साथ बड़े निवेशक और केंद्रीय बैंक सोने को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करते हैं. किसी ङी देश की इकोनॉमी और करेंसी को अंतरराष्ट्रीय दवाब और मंदी से बचाने में सोना अहम भूमिका निभाता है. इसलिए बाजार एक्सपोर्ट भी लोगों को अपने पोर्टफोलियो में निवेशकों को कम से कम 5 से 10 फीसदी सोना जरूर रखने की सलाह देते हैं. आप सोने के गहने खरीदे या सिक्के या फिर बिस्कुट या फिर एक्सचेंज ट्रेडेट फंड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड।
सातवें आसमान पर सोना, क्या अब भी निवेश है समझदारी
सोने की कीमत अपने ऑल टाइम हाई पर है. इसमें निवेश के लिए मोटा पैसा चाहिए. सोने में निवेश करने वाले लोगों के मन में सवाल है कि अब इसमें निवेश कहीं उन्हें महंगा तो नहीं पड़ेगा. सोने की हाई रेट को देखते हुए लोग इस संशय में फंसे हुए है.
सोना खरीदें या ETF
फिजिकल सोना यानी जूलरी शॉप पर जाकर जो सोना खरीदते हैं आप उसमें निवेश करें या फिर गोल्ड ईटीएफ में , ये सवाल भी लोगों के मन में है. फिजिकल गोल्ड की कई चुनौतियां है. जैसे सुरक्षित रखने की चुनौती, उसकी शुद्धता की गारंटी की चिंता, रिटर्न की टेंशन. वहीं गोल्ड ईटीएफ को सोने में निवेश का सुरक्षित तरीका माना जाता है. इसमें सोना आपको कागजों में मिलता है. इसमें निवेश शेयर बाजार के समान फ्लेक्सिबल है. इसमें आपको सोने की शुद्धता या फिर उसकी सुरक्षा की टेंशन नहीं होती. घर में रखें सोने पर आपको कुछ नहीं मिलता, लेकिन अगर आप सॉवरेन बॉन्ड में निवेश करते हैं तो आपको 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है.