Uttarakhand tunnel Rescue: उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर उम्मीद पर जी रहे हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द वे बाहर की दुनिया देखेंगे.. अपनों से मिलेंगे और खुलकर सांस ले सकेंगे.
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Uttarakhand tunnel Rescue: उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर उम्मीद पर जी रहे हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द वे बाहर की दुनिया देखेंगे.. अपनों से मिलेंगे और खुलकर सांस ले सकेंगे. आज इन मजदूरों की उम्मीद को और बल तब मिला जब पहाड़ को चीरते हुए एक छोटा सा डिवाइस इनके पास पहुंचा. छोटे से कैमरे ने पहली बार दिखाया कि सुरंग में फंसे मजदूर किस स्थिति में हैं. सफेद-पीले हेलमेट पहने मजदूर भी दिखे और उनसे बात भी हो सकी. ये सब संभव हुआ एंडोस्कोपिक कैमरे से. आइये आपको बताते हैं ये एंडेस्कोपिक कैमरा क्या है और कैसे काम करता है?
एंडोस्कोपिक कैमरे ने दी राहत
12 नवंबर को उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग ढहने के बाद 41 मजदूर इसमें फंस गए. इन मजदूरों के परिवारों को हादसे के दसवें दिन सुरंग के अंदर से पहली बार वीडियो फुटेज देखकर राहत मिली. मजदूरों को पीले और सफेद हेलमेट पहने हुए एक-दूसरे के साथ बातचीत करते और पाइपलाइन के जरिये खाना लेते देखा गया. यह सब संभव हो सका 6 इंच की पाइपलाइन के जरिये मजदूरों तक पहुंचे एंडोस्कोपिक कैमरे की वजह से.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | First visuals of the trapped workers emerge as the rescue team tries to establish contact with them. The endoscopic flexi camera reached the trapped workers. pic.twitter.com/5VBzSicR6A
— ANI (@ANI) November 21, 2023
एंडोस्कोपिक कैमरा क्या है?
अब आपको बताते हैं ये एंडोस्कोपिक कैमरा है क्या. एंडोस्कोपिक कैमरा सबसे एडवांस मेडिकल डिवाइसों में से एक है. मुख्य तौर पर इसका इस्तेमाल इंसान की बॉडी के अंदर सर्जिकल ऑपरेशन के लिए किया जाता है. इस डिवाइस के इस्तेमाल से ज्वाइंट्स और अंगों के अंदर देखकर इलाज किया जा सकता है. लेटेस्ट एंडोस्कोपिक कैमरे के बात करें तो ये "चिप-ऑन-टिप" तकनीक पर आधारित हैं. ये एक छोटे पैकेज के इस्तेमाल से स्थिति को रिकॉर्ड करता है. स्पष्ट स्थिति के लिए इसमें LED लगा होता है जो शरीर के अंदर इलाज की जगह पर रोशनी कर स्थिति की सटीक तस्वीर कैप्चर करता है. कैमरे से डॉक्टर बाहर बड़ी स्क्रीन पर मरीज की बीमारी का जायजा लेते हैं. उत्तरकाशी की सुरंग के अधिकारियों ने भी इस तकनीक से मजदूरों तक पहुंच बनाई और उनका हाल जाना. इसके छोटे आकार के कारण ही यह 6 इंच की पाइपलाइन में जा सका और मजदूरों से संपर्क हो सका.
कैमरे में दिखे मजदूर..
कैमरे को पहले पाइप के दूसरे छोर के पास ले जाया गया जिसके बाद बचावकर्मियों ने फंसे हुए मजदूरों में से एक को कैमरा उठाने के लिए कहा. एक अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया कि तुम ठीक हो? अगर सब ठीक हैं तो खुद को कैमरे में दिखाओ... एक हाथ उठाओ और मुस्कुराओ. हम जल्द ही आप तक पहुंचेंगे, चिंतित न हों... धीरे से कैमरा निकालें और सबको दिखाएं. फिर मजदूरों में से एक ने कैमरा उठाया और अपने कुछ साथी मजदूरों को दिखाया. गुफा के अंदर का वीडियो उन बचावकर्मियों के लिए एक सफलता के रूप में सामने आया जो मजदूरों को बचाने के लिए समय के साथ संघर्ष कर रहे हैं. एंडोस्कोपिक कैमरे की वजह से मजदूरों के परिवार के लोगों को भी बड़ी राहत मिली है.
12 नवंबर को ढहा टनल का हिस्सा
बताते चलें कि पिछले रविवार 12 नवंबर को सिक्ल्यारा और बारकोट के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से निर्माण कार्य में लगे मजदूर फंसे हुए हैं. यह सुरंग चार धाम ऑल वेदर रोड का हिस्सा है, जो तीर्थ स्थलों को कनेक्ट करने के लिए अहम प्रोजेक्ट है.