UP By-Elections Towel And Burqa Issue: उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान से पहले गमछा और बुर्का सुर्खियों में है. समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वोटिंग के दौरान बुर्का हटाकर चेकिंग नहीं की जाए, क्योंकि बुर्का हटाने की बात ने मुस्लिम महिलाओं को भयभीत किया हुआ है. इसके अलावा, मतदान के दिन पोलिंग ऑफिसर के अलावा कोई पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता की आईडी की जांच नहीं करें.
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Election Commission Rule About Towel-Burqa: उत्तर प्रदेश में बुधवार को नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले प्रचार अभियान भले ही थम गया, लेकिन सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. वोटिंग के दौरान गमछा और बुर्का को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया पर बयानबाजियों ने तूल पकड़ लिया है.
सपा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर की बुर्का से जुड़ी मांग
यूपी उपचुनाव में मतदान से पहले सपा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर वोटिंग के दौरान बुर्का हटाकर चेकिंग और पुलिसकर्मी द्वारा किसी भी मतदाता के पहचान पत्र की जांच नहीं किए जाने की मांग की है. सपा की ओर से कहा गया है कि बुर्का हटाने की बात ने मुस्लिम महिलाओं को भयभीत किया हुआ है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मांग की है कि मतदान के दिन पोलिंग ऑफिसर के अलावा कोई भी मतदाता का पहचान पत्र चेक ना करें. सपा ने चिट्ठी में हैंडबुक फॉर रिटर्निंग ऑफिसर के पैराग्राफ का भी जिक्र किया है.
केशव मौर्य ने चुनाव आयोग से की बुर्का पर कार्रवाई की अपील
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कई पोलिंग बूथों पर मुस्लिम महिलाओं को डराने-धमकाने का काम किया गया था. इसके साथ ही सपा ने सभी नौ सीटों पर वोटिंग खत्म हो जाने के बाद एजेंट को कुल मतदाताओं के पड़े वोट की जानकारी की प्रमाणित कॉपी उपलब्ध कराई जाने की मांग की है. दूसरी ओर, यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बुर्का में फर्जी वोटिंग होती है. उन्होंने इसे सपा की फर्जी वोटिंग की साजिश बताते हुए चुनाव आयोग से इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की.
बुर्का हटाने पर हो बवाल तो ECI से शिकायत करें- गिरिराज सिंह
बुर्का पहनकर मतदान करने वाले मतदाताओं की विशेष जांच सुनिश्चित करने और बुर्का नहीं हटाने को लेकर भाजपा और सपा नेताओं की चुनाव आयोग से अपील और मांग के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मसले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मतदान करने आने वाले हर मतदाता की पहचान की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सपा की एक नेता, कांग्रेस और मौलवियों की ओर से वोट जिहाद के नारे दिए जा रहे हैं. ऐसे में चुनाव आयोग से बुर्का को लेकर बवाल करने वालों की शिकायत करें. आइए, जानते हैं कि सिर से गमछा और चेहरे से बुर्का हटाने को लेकर चुनाव आयोग का नियम क्या कहता है?
गमछा- बुर्का हटाने को लेकर चुनाव आयोग का नियम क्या कहता है?
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, मतदान से पहले बूथ पर मौजूद पार्टियों के पोलिंग एजेंट के स्तर पर हर मतदाता की पहचान की जाती है. फर्जी मतदान नहीं होने देने के लिए सावधानी के तौर पर नियम है कि हर वोटर की पूरी और पक्की पहचान के बाद ही वोट डालने दिया जाना चाहिए. कोई मतदाता चाहे वह पुरुष हो या महिला अगर अपनी पहचान साबित करने में नाकाम होता है तो उसे मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है. मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग की ओर से तैनात निर्वाचन पदाधिकारी और सुरक्षा बलों को असली या फर्जी मतदाताओं की पहचान करने का अधिकार होता है.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जवाब में क्या कहा था?
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही यूपी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए हुए चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवालों में बुर्का से जुड़ा सवाल भी शामिल था. उन्होंने पूछा कि क्या महिलाएं बुर्का पहनकर वोट देने जा सकती हैं? उसके लिए नियम क्या हैं? इसके जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था, "चुनाव संचालन नियम 35 में मतदाताओं की पहचान के बारे में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है और 34 में महिला मतदाताओं के लिए सुविधाओं के बारे में उल्लेख किया गया है."
उन्होने आगे कहा था, "मतदाताओं की पहचान बिल्कुल उन्हीं नियमों के अनुसार की जाएगी, लेकिन क्षेत्र के सांस्कृतिक पहलुओं का पूरा सम्मान और ध्यान रखा जाएगा. कुछ मुद्दे हैं जो राजस्थान जैसे अनेक राज्यों में, देश के कई हिस्सों में सामने आते हैं. पहचान नियमों के अनुसार की जाएगी और उस क्षेत्र विशेष के सांस्कृतिक मूल्य का यथासंभव पूरा सम्मान किया जाएगा.’
चुनाव आयोग की हैंडबुक में दर्ज पीठासीन अधिकारियों को निर्देश
चुनाव आयोग की हैंडबुक में दर्ज नियमों के मुताबिक, अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर आपके मतदान केंद्र पर बड़ी संख्या में बुर्का पहने महिला मतदाताएं शामिल होने वाली है, तो आपको उनकी पहचान की जांच के लिए विशेष व्यवस्था करनी होगी. साथ ही उनकी बायीं उंगली पर अमिट स्याही लगाने की व्यवस्था करनी होगी. हालांकि, महिला मतदान अधिकारी को उनकी गोपनीयता, गरिमा और शालीनता का ध्यान रखते हुए एक अलग घेरे में रखा जाएगा.
निर्वाचन अधिकारी या पोलिंग एजेंट के पास ही पहचान का अधिकार
नियमों के मुताबिक, अगर किसी पार्टी के उम्मीदवार को मतदान केंद्रों पर किसी भी मतदाता पर किसी तरह का कोई संदेह होता है तो वह पीठासीन अधिकारियों से शिकायत कर मतदाता की पहचान सत्यापित करने के लिए कह सकता है. नियमानुसार मतदान केंद्र पर ऐसी जांच करने का अधिकार निर्वाचन अधिकारी या पोलिंग एजेंट के पास होता है. उम्मीदवार समेत कोई भी और अनधिकृत शख्स ऐसी जांच नहीं कर सकता. पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे मतदाता की पहचान की जांच करने के लिए उसका घूंघट या बुर्का उठाने का अधिकार किसी को भी नहीं है.
हैदराबाद, दिल्ली और हरियाणा चुनाव में मच चुका है बुर्का पर बवाल
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान हैदराबाद में भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने बूथ पर बुर्का हटाकर कई महिला मतदाताओं की आईडी चेक की थी. इसका वीडियो वायरल होने पर मचे हंगामे के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी दौरान दिल्ली में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात के दौरान तदान के समय बुर्का पहनकर या चेहरे पर नकाब पहनकर पहुंचने वाली महिला मतदाताओं का उचित सत्यापन महिला अधिकारियों से कराने की मांग की थी.
'पर्दानशीन' वोटर्स के वेरिफिकेशन के लिए आंगनवाड़ी वर्कर और असिस्टेंट नर्स
वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर 'पर्दानशीन' वोटर्स का वेरिफिकेशन कराए जाने और फर्जी वोटिंग पर लगाम के लिए आंगनवाड़ी वर्कर और असिस्टेंट नर्स की विशेष रूप से नियुक्ति की थी. उन्होंने हिंदू महिलाओं का घूंघट और मुस्लिम महिला का बुर्का हटाकर उनके चेहरे से वोटर आईडी का मिलान कर वेरिफिकेशन किया था. हालांकि, मुस्लिम महिलाओं की धार्मिक आजादी का मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है.
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उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान, 23 को नतीजे
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार (20 नवंबर) को मतदान होने वाला है. इनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझावां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज), और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं. सभी सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना 23 नवंबर को होगी. इसके बाद नतीजे सामने आएंगे. यूपी उपचुनाव में भाजपा और सत्ता की सीधी लड़ाई है.