Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड के टॉप 5 में से 3 डोनर, जिनके गले में पड़ा है ED का 'शिकंजा'!
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Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड के टॉप 5 में से 3 डोनर, जिनके गले में पड़ा है ED का 'शिकंजा'!

Electoral Bond Donors List: इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद पता चला है कि टॉप 5 डोनर्स में से 3 की जांच एक तरफ ईडी कर रही थी और दूसरी तरफ वे इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जा रहे थे.

Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड के टॉप 5 में से 3 डोनर, जिनके गले में पड़ा है ED का 'शिकंजा'!

Electoral Bond Donors ED Investigation: इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के आंकड़े जारी हो चुके हैं. दुनिया को पता चल चुका है कि भारत में किसने कितने रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इस बीच एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप 5 कंपनियों में से 3 जब ईडी (ED) की रडार पर थीं, उनकी जांच चल रही थी जब उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इसमें फ्यूचर गेमिंग, मेघा इंजीनियरिंग और वेदांता ग्रुप का नाम शामिल है. ईडी की जांच के दौरान किस कंपनी ने कब-कब इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, आइए डिटेल में जानते हैं.

ईडी की रडार पर नंबर 1 इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड है, जिसे सेंटियागो मार्टिन चलाते हैं. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2019 से 2024 के बीच 5 साल में 1,300 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. ये भी जान लें कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ईडी की कार्रवाई साल 2019 की शुरुआत में शुरू हुई थी. जुलाई, 2019 तक ईडी ने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के 250 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज कर ली थी. इसके बाद 2 अप्रैल, 2022 को ईडी ने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की 409 करोड़ की संपत्ति अटैच की.

प्रॉपर्टी अटैच होने के 5 दिन बाद खरीदे इलेक्टोरल बॉन्ड

लेकिन अब इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े जारी होने के बाद पता खुला हुआ है कि 2 अप्रैल को प्रॉपर्टी अटैच होने के 5 दिन बाद ही फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 100 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. जानकारी के मुताबिक, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड ने पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड 21 अक्टूबर, 2020 को खरीदा था.

जांच और इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीदारी साथ-साथ

गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) है. मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने पिछले 5 साल में 1000 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी कृष्णा रेड्डी चलाते हैं.

पहली बार 50 करोड़ के खरीदे इलेक्टोरल बॉन्ड

जान लें कि अक्टूबर, 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद ईडी ने भी अपनी जांच शुरू की थी. चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चला है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 2019 में 12 अप्रैल को 50 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे.

मनी लॉन्ड्रिंग में फंसी कंपनी ने खरीदे इलेक्टोरल बॉन्ड

जान लें कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में वेदांता ग्रुप 5वें नंबर पर है. वेदांता ग्रुप ने 376 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. वेदांता ग्रुप की जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कर रही है. 16 अप्रैल, 2019 को वेदांता ग्रुप ने 39 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. इसके बाद 4 साल में वेदांता ग्रुप ने 337 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.

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