Grap-4 in Delhi: यह तो तय है कि सरकार कितनी भी कोशिशें कर ले लेकिन दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का सामना नागरिकों को मिलकर करना होगा. प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम ही इसे नियंत्रित कर सकते हैं. लेकिन अगर यह मुश्किल और बढ़ी तो आखिर क्या होगा. ग्रैप4 के बाद क्या होने वाला है.
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Delhi NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है. रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पार दर्ज किया गया, जिससे कई इलाकों में हवा 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच गई. हालात को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग सीएक्यूएम ने सोमवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया है. ग्रैप-4 लागू होते ही दिल्ली-एनसीआर में कड़ी पाबंदियां लगाई जा रही हैं.
ग्रैप-4 लागू होते ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई सख्त कदम उठाए जाते हैं. इस चरण में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है. दिल्ली में ट्रकों और भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया जाता है, हालांकि जरूरी सामानों की आपूर्ति करने वाले वाहनों को अनुमति दी जाती है. राज्य सरकारें स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने का निर्णय ले सकती हैं और सरकारी व निजी कार्यालयों में 'वर्क फ्रॉम होम' की सिफारिश की जा सकती है. इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर ऑड-ईवन नियम भी लागू किया जा सकता है.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान क्या है?
ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) एक चरणबद्ध योजना है, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार उपाय करना है. जब एक्यूआई 200 से अधिक होता है, तो ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है. एक्यूआई 300 को पार करने पर दूसरा चरण और 400 से अधिक होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है. तीसरे चरण में निर्माण कार्यों पर रोक, तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध और बाहरी गतिविधियों में कमी जैसे कदम शामिल होते हैं. चौथे चरण में सबसे कड़े प्रतिबंध होते हैं, जो एक्यूआई 450 से अधिक होने पर लागू किया जाता है.
ग्रैप 4 के बाद अब आगे क्या?
यदि प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ता है, तो ग्रैप-4 के बाद सरकार को और भी कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं. इसमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगाना शामिल हो सकता है. इसके साथ ही, औद्योगिक गतिविधियों पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है. नागरिकों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जा सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों को.
प्रदूषण और बढ़ा तो क्या कदम उठा सकती है सरकार?
सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए धूल और धुएं को कम करने वाले उपाय कर सकती है. पानी का छिड़काव, सड़कों की सफाई, और पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार निजी वाहनों पर पूरी तरह से बैन लगाने पर भी विचार कर सकती है. हालांकि ये नेक्स्ट लेवल की चीज होगी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना रहता है तो लोगों को मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर जाने से बचने की सलाह दी जाती है.
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