Charlie Chaplin: साइलेंट फिल्मों के किंग हुआ करते थे चार्ली चैप्लिन, आखिरी सांस तक लोगों को हंसाते रहे एक्टर
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Charlie Chaplin: साइलेंट फिल्मों के किंग हुआ करते थे चार्ली चैप्लिन, आखिरी सांस तक लोगों को हंसाते रहे एक्टर

Charlie Chaplin Birth Anniversary: जब भी दुनियाभर के कॉमेडियन्स की बात होती है तो उनमें सबसे पहला नाम चार्ली चैप्लिन का ही आता है, जिन्होंने मुंह से एक शब्द निकाले बिना है लोगों को खूब हंसाया. इतना ही नहीं, एक्टर अपनी आखिरी सांस तक लोगों का हंसाते ही रहे. चलिए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी की खास बातें.

Charlie Chaplin: साइलेंट फिल्मों के किंग हुआ करते थे चार्ली चैप्लिन

Charlie Chaplin Birth Anniversary: यूं तो बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में कई कॉमेडियन्स आए और गए, लेकिन उनमें से कोई भी चार्ली चैप्लिन को मात नहीं दे पाया. आज अगर दुनियाभर के मशहूर कॉमेडियन्स की बात आती है तो उसमें सबसे ऊपर चार्ली चैप्लिन का ही नाम आता है, जिन्होंने अपने 75 साल के करियर में केवल लोगों को हंसाने का ही काम किया है और वो भी बिना मुंह से कोई आवाज निकाले. उन्होंने 88 साल की उम्र में 1977 में दुनिया को अलविदा कह दिया था. 

इतना ही नहीं, चार्ली चैप्लिन दुनिया के पहले ऐसे कलाकार हैं, जो अपनी आखिरी सांस तक लोगों को हंसाते रहे. इतना ही नहीं, आज भी उनकी खटी-मीठी यादें उनके फैंस के दिलों में उनको जिंदा रखे है. चार्ली चैप्लिन के एक बेहतरीन कलाकार थे, जिनका असली नाम सर चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन था. उनका जन्म 16 अप्रैल,1889 को ईस्ट स्ट्रीट, वॉलवर्थ, लंदन, इंग्लैंड में हुआ था. वो एक शानदार कलाकार होने के साथ-साथ अच्छे फिल्म निर्माता-निर्देशक भी थे. 

75 साल तक लोगों को खूब हंसाया

अपने 75 साल के करियर में चार्ली चैप्लिन ने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई. इतना ही नहीं, वे पहले ऐसे एक्टर थे, जिनकी फोटो 1925 में ‘टाइम मैगजीन’ के कवर पर आई थी. इसके अलावा उनको साल 1973 में फिल्म 'लाइमलाइट' में बेस्ट म्यूजिक के लिए ऑस्कर अवार्ड से भी नवाजा गया था. चार्ली चैप्लिन को साइलेंट फिल्मों के बादशाह कहा जाता था. उन्होंने अपने अभिनय और कॉमेडी से फैंस के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई है. चार्ली ने महज 10 की उम्र में अपने पिता चार्ल्स स्पेंसर चैंपियन को खो दिया था. 

माता-पिता थे बेहतरीन सिंगर और एक्टर्स 

चार्ली के पिता भी एक शानदार सिंगर और एक्टर थे. वहीं, उनकी मां हन्ना चैपलिन भी एक सिंगर और एक्ट्रेस थी, जो लिली हार्ले के नाम से काफी फेमस थीं. उन्होंने लाइट ओपेरा में काफी प्रतिष्ठा हासिल की थी. बचपन में चार्ली की मां उनको थिएटर ले जाया करती थीं. जहां वे अपनी मां का म्यूजिक और बाकी कार्यक्रमों को देखा और सुना करते थे. हालांकि, पिता की मौत और मां की खराब तबीयत ने उनके घर के माहौल को खराब कर दिया था, जिसके बाद चार्ली ने अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलने की ठान ली. 

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9 साल की उम्र में करियर की शुरुआत

बताया जाता है कि चार्ली ने महज 5 साल की उम्र में अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी थी, लेकिन उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 9 साल की उम्र में हो गई थी. दअरसल, जब चार्ली पांच साल के थे तब मंच पर उनकी मां की आवज भीड़ के सामने ब्रेक होने लगी थी. ऐसे में चार्ली ने अपनी मां की जगह ली और दो गाने गाए. चार्ली के गाने सुन वहां मौजूद भीड़ मंत्रमुग्ध हो गई थी और उनके ऊपर सिक्कों की बरसात कर दी थी. इसके बाद 9 साल की उम्र में उन्होंने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत 'द एट लंकाशायर लैड्स' से की थी. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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फिल्म म्यूजिक में दिखाई प्रतिभा

साल 1913 के आखिरी में कार्नो कंपनी छोड़ने के बाद चार्ली ने 1916 में अपनी म्यूजिक पब्लिशिंग कंपनी बनाई, जिसका नाम चार्ल्स चैपलिन म्यूजिक कंपनी रखा गया था, जिसने चार्ली के तीन गाने बनाए Oh! That Cello, There’s Always One You Can’t Forget, और The Peace Patrol, जिसके बाद ये कंपनी बंद कर दी गई. इसके बाद फिल्मों में चार्ली ने कई साइलेंट फिल्मों में काम किया और साथ-साथ म्यूजिक इंडस्ट्री में भी काम करते रहे. चार्ली की कुछ बेहतरीन फिल्मों में  ‘मॉडर्न टाइम्स’, ‘द ग्रेट डिक्टेटर’, और ‘मॉन्सिउर वर्डौक्स’ और ‘गोल्ड रश’ शामिल हैं.

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