Mughal-E-Azam का प्रीमियर, बन-ठनकर पहुंचीं सायरा बानो, फिर यूं दिलीप कुमार ने एक्ट्रेस की मेहनत पर फेरा पानी!
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Mughal-E-Azam का प्रीमियर, बन-ठनकर पहुंचीं सायरा बानो, फिर यूं दिलीप कुमार ने एक्ट्रेस की मेहनत पर फेरा पानी!

Saira Banu Instagram: दिग्गज एक्ट्रेस सायरा बानो ने हाल ही में कुछ थ्रोबैक फोटोज शेयर की है. साथ ही एक्ट्रेस ने मुगल-ए-आजम के प्रीमियर से जुड़ा एक किस्सा भी बताया है. 

सायरा बानो

Saira Banu and Dilip Kumar: दिग्गज एक्ट्रेस सायरा बानो अक्सर ही अपने फैंस को फिल्म जगत के पुराने किस्सों से वाकिफ कराती रहती हैं. इस बार एक्ट्रेस ने अपनी जवानी के दिनों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. थ्रोबैक फोटोज के साथ सायरा बानो (Saira Banu) ने अपना साड़ियों के लिए प्यार और मुगल-ए-आजम फिल्म के प्रीमियर का एक किस्सा भी शेयर किया है. 

क्या है मुगल-ए-आजम से जुड़ा पुराना किस्सा?

सायरा बानो ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखा है. जहां पहले दिग्गज एक्ट्रेस ने अपना साड़ियों के लिए प्रेम बताया है.  फिर एक्ट्रेस ने दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और मधुबाला (Madhubala) की मुगल-ए-आजम के प्रीमियर से जुड़ा किस्सा शेयर किया. सायरा बानो ने बताया, उन्हें मुगल-ए-आजम (Mughal-E-Azam Movie) के प्रीमियर का इनवाइट आया, तो उनकी मां ने सबसे खूबसूरत साड़ी तैयार की थी. तब उन्हें लगा था कि साहब (दिलीप कुमार) उनकी तरफ ध्यान देंगे, सेलेक्ट की साड़ी बहुत हैवी थी कि वह आगे-पीछे झूल रही थीं. लेकिन फिर उनके चेहरे, स्किन और लंबे चमकदार बालों पर उनकी 6 दिनों की मेहनत बेकार हो गई. क्योंकि साहब प्रीमियर से ही गायब रहे.   

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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साड़ियों की शौकीन रही हैं सायरा बानो!

सायरा बानो (Saira Banu Instagram) ने अपना साड़ियों के लिए प्यार जताते हुए लिखा- 'जब छोटी थी, तब मैं ज्यादा पेड़ पर चढ़ने वाली टॉमब्वॉय थी लेकिन फिर भी मैं अप्पा जी की साड़ियों में उनके खूबसूरत पहनावे से मंत्रमुग्ध थी. जब मैं महज 13 या 14 साल की थी, तब अप्पा जी चिठ्ठियों के साथ कुछ तोहफे भी लंदन भेजती थीं, तब मेरी एक रिक्वेस्ट पर उन्होंने साड़ी भेजी. एक साड़ी दुनिया की सबसे खूबसूरत ड्रेस में से एक है, जो एक महिला की खूबसूरती को निखारती है.' सायरा ने आगे लिखा- 'तोहफों के साथ एक बार चमकदार लाल रंग से सजी हुई एक खूबसूरत सफेद और सुनहरी बनारसी साड़ी आई. तब मैं उसे लपेटने की कोशिश में लग गई. लेकिन जब तक सुल्तान भाई और अम्मा जी ने मदद नहीं की, तब तक इधर-उधर गिरती रही. फिर जैसी ही साड़ी लपेटी तो सुल्तान भाई ने उनकी तस्वीरें लीं...'

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