Rishi Kapoor Bollywood Debut: अगर राज कपूर की मर्जी चलती तो ऋषि कपूर हीरो नहीं बनते बल्कि आरके बैनर के लिए फिल्मों का निर्देशन कर रहे होते. मगर होनी का कुछ और मंजूर था. दो बड़ी फ्लॉप फिल्मों के कारण राज कपूर के पास इतने पैसे नहीं बचे थे कि बाहर का स्टार साइन करते. नतीजा यह कि बॉबी में घर के लड़के को हीरो बना दिया.
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Making Of Bobby: किस्मत के खेल निराले होते हैं. शो मैन राज कपूर के दो भाई शम्मी कपूर और शशि कपूर हीरो बन कर लंबी पारी खेल चुके थे. राज के बेटे रणधीर कपूर ने भी 1971 में होम प्रोडक्शन फिल्म कल आज और कल से एक्टिंग करियर शुरू कर दिया था. फिल्म फ्लॉप हो चुकी थी. इससे पहले 1970 में आई मेरा नाम जोकर ने भी राज कपूर को बड़ा घाटा दिया था. दो बड़ी फिल्में डूबने से राज कपूर मुश्किल में थे. छोटे बेटे ऋषि कपूर बड़े हो रहे थे और तय था कि परिवार के रिवाज के मुताबिक वह भी फिल्मों में जाएंगे. लेकिन राज कपूर के इरादे अलग थे. उन्हें लगता था कि ऋषि कपूर को एक्टर के बजाय डायरेक्टर बनना चाहिए.
रोमांटिक फिल्म की तैयारी
राज कपूर को लगता था कि परिवार में कोई पर्दे के पीछे भी फिल्में संभालने वाला होना चाहिए. ऋषि कपूर की सिनेमाई समझ देखते हुए उन्हें लगता था कि वह अच्छे फिल्म डायरेक्टर साबित हो सकते हैं. राज कपूर सोच रहे थे कि अपने साथ निर्देशक के रूप में ऋषि कपूर को तैयार करते हुए, उन्हें घरेलू बैनर आरके प्रोडक्शंस तले ही फिल्म बनाने का मौका देंगे. लेकिन ऊपर वाले ने ऋषि कपूर की किस्मत में एक्टर बनना ही लिखा था. मेरा नाम जोकर और कल आज और कल से बड़े घाटे के बाद राज कपूर ने तय किया था कि अब वह फिल्मों में कोई एक्सपेरिमेंट नहीं करेंगे. वह अब रोमांटिक फिल्म बनाना चाहते थे, जिससे दर्शक सीधे कनेक्ट हो जाएं.
लॉन्चिंग के लिए फिल्म नहीं
1969 में राजेश खन्ना फिल्म आराधना से हिट हो चुके थे और रोमांटिक हीरो के रूप में उनकी तूती बोलने लगी थी. वह सुपर स्टार बन गए थे. राज कपूर ने जब राजेश खन्ना से बात की तो उनकी फीस सुन कर हैरान रह गए. दो बड़ी फ्लॉप फिल्मों के बाद उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि सुपरस्टार का खर्च उठा सकें. तब उन्होंने तय किया कि घर के लड़के को हीरो बना दिया जाए. लड़की भी नई ली जाए, जिसे ज्यादा फीस न देनी पड़े. सो, डिंपल कपाड़िया की एंट्री हुई. फिल्म का नाम रखा गया, बॉबी. खुद ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि बॉबी उन्हें लॉन्च करने के लिए नहीं बनाई गई थी. ऐसा होता तो फिल्म का टाइटल हीरोइन के नाम पर नहीं होता. खैर, 20 साल के ऋषि कपूर और 16 साल की डिंपल की बॉबी ने रिलीज होकर जो धमाल किया, वह इतिहास में दर्ज है. यह भी रोचक बात है कि जिस फिल्म में राजेश खन्ना की फीस के लिए पैसे नहीं थे, उससे लॉन्च हुई हीरोइन आगे चलकर उनकी पत्नी बनी. वैसे ऋषि कपूर ने बाद में निर्देशक के रूप में भी खुद को आजमाते हुए, आ अब लौट चलें (1999) नाम से फिल्म बनाई. फिल्म फ्लॉप रही.
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