Randeep Hooda Depression: बैटल ऑफ सारागढ़ी के बंद होते ही रणदीप हुड्डा डिप्रेशन में चले गए थे. वो खुद को कमरे में बंद कर लेते और हमेशा एक डर उनके अंदर रहता था. अब सालों बाद उन्होंने इस पर खुलकर बात की है.
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Randeep Hooda Latest News: एक्टर का काम फिल्म में सिर्फ अभिनय करके निकल जाना नही होता. बल्कि एक अभिनेता अपने निभा रह किरदारों से दिल से जुड़ जाते हैं और जब वो फिल्म स्क्रीन तक ना पहुंच तो दिल टूटना और जहन में उस बात का चुभना दोनों ही लाजिमी हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ अभिनेता रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) के साथ. जिसका खुलासा उन्होने अब सालों बाद किया है. ये सब जानते हैं कि रणदीप हुड्डा बैटल ऑफ सारागढ़ी (Battle of Saragarhi) में लीड रोल निभाने वाले थे. इस फिल्म की शूटिंग भी वो कर रहे थे. लेकिन फिर ये फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई और बस इसका असर रणदीप पर ऐसा हुआ कि देखते ही देखते वो डिप्रेशन में चले गए.
हाल ही में एक इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने इस पर खुलकर बात की और बताया कि बैटल ऑफ सारागढ़ी के लिए उन्होंने काफी मेहनत की. अपने तीन साल इस प्रोजेक्ट को दिए, वो तीन साल तक ईशर सिंह के किरदार के साथ जीए, उस वक्त उनके सामने जितने अच्छे प्रोजेक्ट आए सभी को ठुकरा दिया क्योंकि उस वक्त उनके किरदार के लिए लंबे बाल और दाढ़ी की जरूरत थी. लिहाजा दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए उन्होंन हां नहीं कहा. लेकिन जब राजकुमार संतोषी की ये फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई तो वो टूट गए और खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे थे. आलम ये था कि धीरे-धीरे वो डिप्रेशन में चले गए.
#RandeepGoesToWar as #HavaldarIsharSingh! #BattleOfSaragirhi #1897 pic.twitter.com/0VdDSjMZNb
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) August 1, 2016
डिप्रेशन में परिवार ने संभाला
रणदीप ने बताया कि उस वक्त वो गहरे तनाव में चले गए थे. उस वक्त उन्हें बस अंधेरा ही हर ओर फील होता था. उनके माता-पिता उन्हें अकेला नहीं छोड़ते थे और उनसे बचने के लिए वो अपने कमरे में ताला लगा लेते थे क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं कोई उनकी दाढ़ी ना काट ले. लेकिन उस दौर में भी रणदीप ने खुद को संभाला. एक्सट्रैक्शन जैसी फिल्म का हिस्सा बने और डिप्रेशन से बाहर भी निकले.