पहले गाने के बदले मिले थे 51 रुपए, ‘चिट्ठी आई है’ सुन रो पड़े थे राज कपूर
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पहले गाने के बदले मिले थे 51 रुपए, ‘चिट्ठी आई है’ सुन रो पड़े थे राज कपूर

Pankaj Udhas Biography: ‘आहिस्ता कीजिए बातें’, ‘चिट्ठी आई है’ से लेकर 'ना कजरे की धार' जैसी गजलो से लोगों के दिलों में प्यार की तार छेड़ने वाले गजल गायक पंकज उधास ने 73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. चलिए जानते हैं उनकी जीवन से जुड़ी छोटी-बड़ी बातें. 

पहले गाने के बदले मिले थे 51 रुपए, ‘चिट्ठी आई है’ सुन रो पड़े थे राज कपूर

Pankaj Udhas Biography: महान गजल गायक पंकज उधास ने 73 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. हालांकि, उनकी मौत की खबर ने सभी को हैरान और दुख से भर दिया है. बताया है कि वह लंबे समय से बीमार थे और कैंसर से जूझ रहे थे. पंकज उधास ने हिंदी सिनेमा को कई हिट गाने और गजलें दी हैं, जो आज भी लोगों के मन में एक खास जगह रखते हैं. पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 में गुजरात के राजकोट में एक जमींदार परिवार में हुआ था. 

उनका पूरा नाम पंकज उधास चारण है. हालांकि, इंडस्ट्री में आने के बाद उनको पंकज उधास के नाम से ही पहचान मिली. पंकज उधास के तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. उनके दोनों भाई भी गजल गायक हैं. पंकज उधास के दादा जमींदार थे और भावनगर राज्य के दीवान भी थे. 6 साल की उम्र से संगीत का सफर तय करने वाले पंकज उधास कई संगीत कार्यक्रमों में अपनी आवाज और गजलों का जादू चला चुके हैं. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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गजल सम्राट कहे जाते थे पंकज उधास 

पंकज उधास के पिता केशुभाई उधास एक सरकारी कर्मचारी थे, जिनको इसराज बजाने का बेहद शौक था. उनकी मां जीतू बेन उधास को भी गानों का शौक था. उनके भाइयों को भी गानों का काफी शौक था, जिसको देखते हुए उन सभी ने इसमें महारत हासिल की. इतना ही नहीं, साल 1980 में गजल एल्बम ‘आहट’ से अपनी शुरुआत करने वाले पंकज उधास अब तक 40 से ज्यादा एल्बम रिकॉर्ड कर चुके थे. पंकज उधास ने ‘आहिस्ता कीजिए बातें’, ‘चिट्ठी आई है’ से लेकर 'ना कजरे की धार' जैसी न जानें कितनी गजलें गाई हैं, जो आज भी उनके फैंस के दिलों में अपनी खास जगह बनाए हैं. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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गाने के लिए मिले था 51 रुपये का इनाम

बताया जाता है कि जब वे छोटे तो उन दिनों भारत और चीन के बीच जंग छिड़ी हुई थी. उसी दौरान लता मंगेशकर का एक गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ रिलीज हुआ था, जो उनको बेहद पसंद आया. इस गाने को पंकज उधास ने अपने स्कूल में भी सुनाया था, जो स्कूल के प्रिंसिपल को इतना पसंद आया कि उन्होंने पंकज को स्कूल प्रेयर टीम का हेड बना दिया. इतना ही नहीं, इस शानदार गाने के लिए उनको पहली बार 51 रुपये का इनाम भी दिया गया था. ऐसा होने के बाद पंकज के माता-पिता ने तीनों भाइयों का एडमिशन राजकोट में संगीत एकेडमी में करा दिया. पंकज के दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास का नाम भी आज म्यूजिक इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम है. 

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‘चिट्ठी आई है’ गाने को सुन रो पड़े थे राज कपूर

बताया जाता है कि राजेंद्र कुमार और राज कपूर बहुत अच्छे दोस्त थे. एक दिन राजेंद्र कुमार ने अपने खास दोस्त राज कपूर को खाने पर अपने घर बुलाया था, जिसके बाद दोनों ने साथ मिलकर पंकज उधास की आवाज में 'चिट्ठी आई है' गजल सुनाई, जिसको सुनने के बाद राज कपूर रो पड़े और उन्होंने कहा कि इस गजल से पंकज को बहुत पॉपुलैरिटी मिलेगी और उनसे बेहतर ये गजल कोई दूसरा नहीं गा सकता. इतना ही नहीं, साल 2006 में पंकज उधास को उनके बेहतरीन हुनर के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

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