Diwali Songs: दिवाली के इन गानों में हैं अलग-अलग मूड, कहीं महंगाई तो कहीं सुख-दुख, नए गाने में है रोमांस
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Diwali Songs: दिवाली के इन गानों में हैं अलग-अलग मूड, कहीं महंगाई तो कहीं सुख-दुख, नए गाने में है रोमांस

Bollywood Diwali Songs: फिल्मी गानों की खूबसूरती यह है कि वे एक ही विषय पर होकर अलग-अलग तरह से भावनाओं और जीवन के हालात को व्यक्त करते हैं. फिल्मों में आए दिवाली गीतों के बारे में भी यह कहा जा सकता है. यहां जानिए और सुनिए कुछ ऐसे दिवाली गीत, जिनमें आपको जिंदगी के तमाम रंग मिलेंगे...

 

Diwali Songs: दिवाली के इन गानों में हैं अलग-अलग मूड, कहीं महंगाई तो कहीं सुख-दुख, नए गाने में है रोमांस

Diwali Celebration: जब से हिंदी सिनेमा में गीत-संगीत आया, त्यौहारों की गूंज उनमें सुनाई देने लगी. त्यौहारों के अलग-अलग रंग-रूप उनमें दिखने लगे. दिवाली हाल के वर्षों में भले ही पर्दे पर कम दिखी हो, परंतु पुराने दौर में कई बार इस त्यौहार को न केवल कहानियों में पिरोया गया बल्कि इसके गाने भी बने. रोचक बात है कि दिवाली भले ही सबसे बड़ा और खुशियों का त्यौहार है, लेकिन इसे लेकर अलग-अलग मूड हिंदी सिने-संगीत में दिखाई देते हैं. दिवाली के इन गानों में खुशियां व्यक्त हुई, तो उदासी भी झलकी है. दिवाली का संबंध आम आदमी की जेब से है, तो ऐसा भी गीत आपको मिलेगा जिसमें दिवाली पर महंगाई की बात है.

आई दीवाली आई
1941 की फिल्म खजांची अपने समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में थी. निर्देशक मोती बी. गिडवानी की यह फिल्म उस दौर में एक एक्ट्रेस की हत्या की कहानी कह रही थी. इस फिल्म में आशा भोसले ने गीत गाया थाः आई दीवाली आई. दिवाली पर यह खुशियों से भरा गीत है. वहीं 1961 की फिल्म नजराना में दिवाली पर एक ही गीत के दो वर्जन हैं. एक खुशियों से भरा और दूसरा गम से भरा.

मेले हैं चिरागों के
नजराना के दिवाली गीत का खुशनुमा वर्जन लता मंगेशकर की आवाज में आप सुन सकते हैः मेले हैं चिरागों के रंगीन दिवाली है, महका हुआ गुलशन है हंसता हुआ माली है. वहीं इसका दूसरा गम से भरा वर्जन मुकेश की आवाज में हैः एक वो भी दिवाली थी एक ये भी दिवाली है, उजड़ा हुआ गुलशन है रोता हुआ माली है. दोनों ही गानों में आप पर्दे पर दिवाली देख सकते हैं. फिल्म में राज कपूर, वैजयंतीमाला, ऊषा किरण और जैमिनी गणेशन थे.

दिल मेरा चुपचाप जला
साठ के ही दशक में दिवाली पर दर्द की अभिव्यक्ति करने वाला एक और गीत जो खूब चर्चित हुआ, वह मनोज कुमार-माला सिन्हा की फिल्म हरियाली और रास्ता (1962) से है. मुकेश का गाया यह गीत हैः लाखों तारे आसमान में, एक मगर ढूंढे न मिला, देख के दुनिया की दीवाली दिल मेरा चुपचाप जला. इसी दौर में दिवाली पर आम आदमी के कष्टों और महंगाई की मार बताने वाला एक गीत 1959 में आया था. फिल्म थी, पैगाम. यह अकेली फिल्म है, जिसमें दिलीप कुमार और राज कपूर ने साथ काम किया था. 

ऐसा इश्क हुआ है
पैगाम में दिवाली से जुड़ा गाना जॉनी वॉकर पर फिल्माया गया था. गाना थाः कैसे दिवाली मनाएं हम लाला. कॉमिक अंदाज वाला यह गाना आज भी प्रासंगिक लगता है. लंबे समय बाद बॉलीवुड फिल्मों में दिवाली की बात करने वाला एक गीत अभी-अभी आया हैः ऐसा इश्क हुआ है, जैसे आई दिवाली. फिल्म है, अपूर्वा. 15 नवंबर को यह ओटीटी पर रिलीज होगी.

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