26 सितंबर 1923 में जन्में देवानंद ने बड़े पर्दे पर 6 दशक तक काम किया है.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता देवानंद कभी 30 रुपए के साथ एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे थे. पैसे खत्म हो जाने के बाद एक साल तक मिलिट्री सेंसर फर्म में 165 रुपए की नौकरी की थी, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि वह एक्टर ही बनेंगे. इसके बाद वह अपने भाई चेतन आनंद के पास चले गए. उनके भाई उस वक्त भारतीय जन नाट्य संघ (आईपीटीए) से जुड़े हुए थे. देवानंद भी इसमें शामिल हो गए और यहीं से उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इतना ही नहीं उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह एक बार एक ऐसे इंसान से टकगा गए थे जिसने फिल्म में उन्हें पहला मौका दिया.
हम एक हैं फिल्म से किया था डेब्यू
बता दें कि 26 सितंबर 1923 में जन्में देवानंद ने बड़े पर्दे पर 6 दशक तक काम किया है. उन्होंने बॉलीवुड में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1946 में फिल्म 'हम एक हैं' से की थी, लेकिन इस फिल्म में उन्हें काम करने का मौका बाबू राओ ने दिया था. दरअसल, बाबू राओ प्रभात फिल्म स्टूडियो के डिस्ट्रीब्यूटर थे और जब वह देवानंद से पहली बार गलती से टकराए थे तो वह उन्हें देखते ही रह गए थे. बाबू राओ को देवानंद की स्माइल, आंखे और उनका आत्मविश्वास सब भा गया और उन्होंने अपनी फिल्म में देवानंद को काम करने का मौका दिया.
सुरैया से करते थे महोब्बत
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी दोस्ती गुरु दत्त से हो गई और दोनों का रिश्ता काफी गहरा हो गया. इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में एक्ट्रेस सुरैया के साथ काम करने का मौका मिला और दोनों के बीच प्यार हो गया. देवानंद ने सुरैया के साथ सबसे पहले फिल्म 'विद्या' में काम किया और इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई और वक्त के साथ यह दोस्ती प्यार में बदल गई. यहां तक कि दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का भी फैसला कर लिया था लेकिन सुरैया की नानी इस रिश्ते से खुश नहीं थी और इस वजह से दोनों की शादी नहीं हो पाई. इसके बाद देवानंद ने 1954 में उस वक्त की मशहूर अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी की थी.