Ajay Devgn new film: चचेरे भाई को हटा कर अजय देवगन बने डायरेक्टर, संभाली रीमेक फिल्म भोला की बागडोर, क्या है मामला
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Ajay Devgn new film: चचेरे भाई को हटा कर अजय देवगन बने डायरेक्टर, संभाली रीमेक फिल्म भोला की बागडोर, क्या है मामला

Ajay Devgn Career: अजय देवगन ने कुछ समय पहले तमिल फिल्म कैथी के हिंदी रीमेक की घोषणा की थी. लेकिन तब इसके निर्देशन का जिम्मा अपने चचेरे भाई को दिया था. मगर अब अजय ने उसे हटा कर डायरेक्टर की कुर्सी खुद संभाल ली है.

 

Ajay Devgn new film: चचेरे भाई को हटा कर अजय देवगन बने डायरेक्टर, संभाली रीमेक फिल्म भोला की बागडोर, क्या है मामला

Ajay Devgn as a director: अजय देवगन ने अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म भोला के लिए बड़ा बदलाव किया है. खबर है कि उन्होंने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र शर्मा से इस फिल्म की बागडोर लेकर खुद निर्देशन की जिम्मेदारी संभाल ली है. भोला रीमेक फिल्म है. बीते अप्रैल में अजय देवगन ने फिल्म की अनाउंसमेंट करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया था कि धर्मेंद्र शर्मा फिल्म के डायरेक्टर हैं और यह 2023 में 30 अप्रैल को रिलीज होगी. हालांकि इससे पहले फिल्म की हीरोइन तब्बू ने फरवरी में फिल्म की शूटिंग शुरू होने की जानकारी दी थी. मगर चलती शूटिंग के बीच धर्मेंद्र को हटाकर अजय निर्देशक की कुर्सी पर बैठ गए हैं. पहले वह फिल्म में प्रोड्यूसर-ऐक्टर के रोल में थे.

कौन हैं धर्मेंद्र शर्मा
देवगन फिल्म्स की तरफ से धर्मेंद्र को हटाने और उनकी जगह अजय के आने का कोई कारण नहीं बताया गया है. लेकिन इस बदलाव पर सवाल उठने लगे हैं. धर्मेंद्र इससे पहले अजय देवगन की सभी होम प्रोडक्शन फिल्मों से जुड़े रहे हैं. टीवी पर उन्होंने एक आस्था ऐसी भी (2017) और थपकी प्यार की (2017) जैसे सीरियल डायरेक्ट किए. भोला से पहले अजय देवगन तीन फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं, लेकिन उन्हें बॉक्स ऑफिस सफलता का इंतजार है. उनकी शिवाय (2016) औसत थी, मगर यू मी और हम (2008) और रनवे 34 (2022) को दर्शकों ने टिकट खिड़की पर खारिज कर दिया. बतौर निर्देशक यह अजय की चौथी फिल्म होगी.

कैथी में क्या है
कैथी 2019 में आई हिट तमिल फिल्म थी. 25 करोड़ बजट की इस फिल्म ने इंडिया में करीब 75 करोड़ और वर्ल्ड वाइड 100 करोड़ रुपये के ऊपर बिजनेस किया था. अजय देवगन भोला के रूप में उसका ही रीमेक कर रहे हैं. फिल्म एक ऐसे कैदी की कहानी है, जो अपने अच्छे बर्ताव के कारण जेल से जल्दी रिहा होता है. उसकी दस साल की बेटी है, जिसने उसने कभी नहीं देखा. यह व्यक्ति अपनी बेटी को देखने के लिए घर लौट रहा है, लेकिन रास्ते में उसका मुकाबला खूंखार अपराधियों से होता है, जिन्होंने पुलिस की हालत पस्त कर रखी है. यह व्यक्ति पुलिस की मदद करता है और उन खूंखार अपराधियों को भी ठिकाने लगाता है.

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