साल 2008 में इस लो बजट की फिल्म ने तूफान ला दिया था. इस फिल्म में एक से बढ़कर एक सितारे थे लेकिन 2 साल तक इस फिल्म को कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिला था. जब ये फिल्म रिलीज हुई तो इसने बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की.
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Low Budget Hit Film: कई ऐसी फिल्में होती हैं जो कब आई और कब गईं लोगों को इसकी कानों कान खबर तक नहीं लग पाती है. वहीं कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिनकी शुरुआत ही इतनी धमाकेदार होती हैं कि सालों बाद भी लोग इस फिल्म को नहीं भूलते. ऐसी ही एक फिल्म साल 2008 में आई थी. यानी कि आज से 15 साल पहले. खबरों की मानें तो इस फिल्म को करीबन 2 साल तक कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिला. लेकिन जब ये फिल्म रिलीज हुई तो ना केवल इसने नेशनल अवॉर्ड जीता बल्कि बॉक्स ऑफिस पर छप्परफाड़ कमाई की. जानिए इस फिल्म के बारे में.
2 साल तक नहीं मिला डिस्ट्रीब्यूटर
ये फिल्म कोई और नहीं 'खोसला का घोसला' है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म के मेकर्स को करीबन दो साल तक कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिला. जिसकी वजह से ये फिल्म अटक गई. लेकिन बाद में यूटीवी मोशन पिक्चर्स आगे आया और फिल्म को डिस्ट्रीब्यूट किया.
मिला बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड
'खोसला का घोसला' फिल्म में अनुपम खेर और बोमन ईरानी थे. इस फिल्म में अनुपम खेर ने किशोर खोसला का किरदार निभाया. फिल्म में उनके परिवार की कहानी दिखाई गई. साथ ही ये दिखाया गय कि दिल्ली के मिडिल क्लास फैमिली की जमीन एक बिल्डर खुराना ने जालसाजी करके कब्जा कर लिया होता है. इसी के इर्द गिर्द फिल्म की कहानी घूमती है. फिल्म की रिलीज होते ही खूब तारीफें हुईं. यहां तक कि फिल्म को 54वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में हिंदी बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुस्कार जीता था.
3.75 करोड़ था बजट
'खोसला का घोसला' फिल्म के बजट की बात करें तो ये 3.75 करोड़ की थी. वहीं रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर उस वक्त 6.67 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया था. इस फिल्म की कहानी जयदीप साहनी ने लिखी और निर्देशन दिबाकर बनर्जी ने किया. ये दिबाकर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी. आपको बता दें, अनुपम खेर ने कई सारी ऐसी फिल्मों में काम किया जिनका बजट तो कम है लेकिन कमाई छप्परफाड़ है.