World Teacher's Day 2022: जानिए दुनिया भर के इन प्रसिद्ध शिक्षकों की कहानियां, जिन्होंने बदली लाखों छात्रों की जिंदगी
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World Teacher's Day 2022: जानिए दुनिया भर के इन प्रसिद्ध शिक्षकों की कहानियां, जिन्होंने बदली लाखों छात्रों की जिंदगी

World Teacher's Day 2022: आज अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर हम आपके लिए उन शिक्षकों के कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने दुनिया भर में शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाने में अपना अहम योगदान दिया है.

World Teacher's Day 2022: जानिए दुनिया भर के इन प्रसिद्ध शिक्षकों की कहानियां, जिन्होंने बदली लाखों छात्रों की जिंदगी

World Teacher's Day 2022: अच्छा शिक्षक कई व्यक्तियों के जीवन को बदल सकता है और इस वर्ष वर्ल्ड टीचर्स डे ( World Teacher's Day) की थीम भी यही है कि "शिक्षा का परिवर्तन शिक्षकों के साथ शुरू होता है."

आज अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर हम आपके लिए उन शिक्षकों के कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने दुनिया भर में शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाने में मदद की है. आइये जानते हैं उन शिक्षकों की कहानी के बारे में, जिन्होंने दुनिया भर के छात्रों के जीवन को बदला है. 

1. रामचंद्रन के, तमिलनाडु
कीलांबुर में बोगलूर यूनियन के एक पंचायत यूनियन प्राइमरी स्कूल में माध्यमिक कक्षा के शिक्षक रामचंद्र को शिक्षक दिवस 2022 पर राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने अपने स्कूल को बदलने के लिए सालों से अपने वेतन का 80 प्रतिशत से अधिक स्कूल पर ही खर्च किया है. छात्रों को सर्वोत्तम तकनीक दिलाने के लिए, रामचंद्रन ने अपने खर्च पर छात्रों के लिए लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल फोन खरीदें हैं. इसके अलावा छात्रों के बीच एकता की भावना को शामिल करने के प्रयास में, रामचंद्रन खुद भी छात्रों के समान हर दिन यूनिफॉर्म पहन कर स्कूल आते हैं.

2. रंजीतसिंह डिसाले, महाराष्ट्र
रंजीतसिंह डिसाले ने लड़कियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के साथ-साथ भारत में एक क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोडेड टेक्सटबुक की क्रांति को ट्रिगर करने के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का वैश्विक शिक्षक पुरस्कार 2020 (Global Teacher Prize 2020) जीता था. डिसाले महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के परितवाड़ी गांव से हैं और उन्हें 2022 के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड (APJ Abdul Kalam Pride of India Award) से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें जून 2021 से जून 2024 तक विश्व बैंक (World Bank) के साथ शिक्षा सलाहकार के रूप में काम करने के लिए भी नियुक्त किया गया था. यह उनका किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ पहला प्रोजेक्ट, जहां डिसले दुनिया भर के स्कूलों को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.

3. एमएस सुनीता, राजस्थान
सुश्री सुनीता बधिर छात्रों के लिए विशेष शिक्षा की विज्ञान शिक्षिका हैं और अपने बधिर छात्रों के बीच वैज्ञानिक और नवीन भावना पैदा करने के लिए जुनून से काम करती हैं. उन्होंने यह प्रदर्शित किया है कि वह एक रचनात्मक और नई शैली की शिक्षिका हैं, जिन्होंने अपने छात्रों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सीखने की गतिविधियों में व्यस्त रखा है. उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक विज्ञान प्रयोगशाला (Science Lab) स्थापित की है. उन्होंने ऑनलाइन टीचर मॉड्यूल, इनोवेटिव ई-वीडियो और कक्षा के लिए कार्यपुस्तिकाओं के निर्माण के माध्यम से अपने छात्रों को समर्थन दिया है.

4. मारिया मुरेना मिरांडा, गोवा
अपने अथक प्रयासों से, प्रिंसिपल के रूप में सुश्री मारिया मुरेना मिरांडा ने समुदाय की मदद से अपने ग्रामीण आदिवासी स्कूल के बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक पुनर्निर्मित, अपग्रेडिड और बाल-सुलभ बना दिया है. इन प्रयासों के कारण, उनके स्कूल में ड्रॉपआउट रेट में भी गिरावट आई है. उन्होंने आदिवासी छात्रों का समर्थन करने के लिए कड़ी मेहनत की है, जिसके लिए उन्होंने छात्रों के घरों का दौरा, रिमीडियल क्लासेस तक ली हैं और साथ ही मुफ्त नोटबुक और यूनिफॉर्म प्रदान करके आदिवासी लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है. वह अपने छात्रों को अच्छे विचारों के साथ प्रेरित करती हैं और उनके आगे के जीवन के लिए एक मजबूत नींव बनाने में उनकी मदद भी करती हैं.

5. सलीमा बेगम, पाकिस्तान
सलीमा एक पाकिस्तानी शिक्षक हैं और गिलगित-बाल्टिस्तान की शिक्षाविद भी हैं. वह 2017 में ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए टॉप 10 फाइनलिस्ट में से एक थीं और उन्होंने 2019 में वर्ल्ड ऑफ डिफरेंस अवार्ड जीता था. उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और इसके लाभों के बारे में माता-पिता के बीच जागरूकता पैदा करने में मदद की है. सलीमा का मानना ​​​​है कि कक्षा की गतिविधियों को वास्तविक जीवन की स्थितियों की निकटता से मेल खाना चाहिए. सलीमा ने शिक्षक प्रशिक्षण में एक बड़ा योगदान दिया है, उन्होंने अपने प्रांत में 7,000 से अधिक और पूरे पाकिस्तान में 8,000 से अधिक शिक्षकों को ट्रेनिंग दी है.

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