New Education Policy: अब ग्रेजुएशन के लिए समय की पाबंदी नहीं रहेगी. वहीं, एक साल की पढ़ाई करने पर भी सर्टिफिकेट दिया जाएगा. यूजीसी 4 वर्षीय ग्रेजुएशन के लिए सभी नियम और निर्देश सोमवार को साझा कर सकता है.
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UGC New Guidlines 2022: देश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए सुझावों पर अमल होना शुरू हो चुका है. इसी के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ग्रेजुएशन कोर्स के लिए नए नियम तैयार किए हैं. इन नये नियमों मुताबिक अब छात्र 3 के बजाय 4 साल की पढ़ाई पूरी करने पर ही ग्रेजुएशन की ‘ऑनर्स’ डिग्री ले सकेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स शुरू करने के लिए सोमवार को ऐलान किए जाने की संभावना है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए गए यूजीसी के नए नियमों के अनुसार ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स को 4 साल बाद ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी. वहीं, जो छात्र शुरू के 6 सेमेस्टरों में 75 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स हासिल करेंगे और आगे ग्रेजुएशन लेवल पर ही रिसर्च करेंगे, वो फोर्थ ईयर में रिसर्च सब्जेक्ट चुन सकेंगे. इसके बाद उन्हें ऑनर्स विथ रिसर्च की डिग्री मिलेगी.
क्रेडिट स्कोर सिस्टम
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन कोर्सेज में क्रेडिट सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिसके तहत 160 क्रेडिट तक स्कोर करने वालों को ऑनर्स की डिग्री मिलेगी.
इन स्टूडेंट्स को भी मिलेगा फायदा
सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे स्टूडेंट्स जो वर्तमान में 3 वर्षीय डिग्री कोर्स कर रहे हैं, वे भी इस 4 वर्षीय डिग्री कोर्स के लिए एलिजिबल होंगे. यूजीसी ने इस संबंध में सभी यूनिवर्सिटीज को ये कहा है कि उन्हें इसके लिए एक स्पेशल ब्रिज कोर्स तैयार करना होगा. वहीं, पोस्ट ग्रेजुएशन के पहले साल के कोर्स को ग्रेजुएशन के चौथे सत्र में शामिल किया जाएगा, जिसके कारण ग्रेजुएशन का कोर्स अब 4 साल का हो जाएगा.
बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों का अब नहीं होगा नुकसान
नए नियम के मुताबिक अब स्टूडेंट्स को अपने ग्रेजुएशन की डिग्री कंप्लीट करने लिए समय की बाध्यता नहीं रहेगी. अगर स्टूडेंट्स किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं तो बाकी के कोर्स को 10 साल बाद भी पूरा कर सकेंगे.
यह भी जानें
अगर कोई स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन के पहले सत्र में पढ़ाई छोड़ता है तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा. अगर वह दूसरे सत्र के बाद बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो डिप्लोमा मिलेगा. वहीं, तीन साल कंप्लीट करने पर उसे बैचलर डिग्री हासिल होगी और फोर्थ ईयर कंप्लीट करने पर बैचलर रिसर्च की डिग्री दी जाएगी.