Yoga For Joint Pain: यूरिक एसिड का लेवल जब शरीर में अधिक बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है. जब यह स्थिति गंभीर हो जाती है, तो सामान्य चलने-फिरने में भी तकलीफ होती है. ऐसे में योग एक नेचुरल और प्रभावी उपाय है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के इस समस्या का समाधान कर सकता है-
सुखासन एक सरल और आरामदायक योगासन है, जो मानसिक शांति और शारीरिक आराम को बढ़ाता है. यह आसन शरीर के निचले हिस्से, विशेषकर घुटनों और कूल्हों के दर्द को कम करने में मदद करता है. इसे करने के लिए, दोनों पैरों को क्रॉस करके आराम से बैठें और हाथों को घुटनों पर रखें. गहरी श्वास लें और धीरे-धीरे श्वास छोड़ें.
पश्चिमोत्तानासन एक स्ट्रेचिंग आसन है, जो शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द को भी कम करता है. इसे करने के लिए, पैरों को सामने की ओर फैला कर बैठें और हाथों से पैरों को पकड़ने की कोशिश करें. जब आप आगे की ओर झुकते हैं, तो यह आपकी रीढ़ की हड्डी, पेट और कूल्हों को खींचता है.
भुजंगासन एक प्रभावी योगासन है, जो रीढ़ की हड्डी और पेट के अंगों को मजबूत करता है. यह आसन विशेष रूप से कूल्हों और पीठ के दर्द को कम करने के लिए लाभकारी है. भुजंगासन को करने के लिए पेट के बल लेटकर दोनों हाथों को कंधों के पास रखें, फिर धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को ऊपर की ओर उठाएं.
अर्ध मत्स्येन्द्रासन एक ट्विस्टिंग योगासन है, जो रीढ़ की हड्डी और पेट के अंगों को संकुचित करता है. इस आसन को करने से न केवल शरीर के जोड़ों को आराम मिलता है, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. इसे करने के लिए, एक पैर को घुटने से मोड़कर दूसरे पैर के ऊपर रखें और शरीर को मोड़ते हुए अपने हाथों से पैर के पंजे को पकड़ें. यह आसन विशेष रूप से पीठ और घुटनों के दर्द को कम करने में मदद करता है.
विपरीत करणी एक आरामदायक और प्रभावी योगासन है, जो रक्त प्रवाह को संतुलित करता है. इसे करने के लिए, दीवार के पास लेटकर अपने पैरों को दीवार पर ऊपर की ओर रखें और शरीर को आराम की स्थिति में रखें. यह आसन रक्त को सिर की ओर प्रवाहित करता है, जिससे शरीर के सभी अंगों में ऊर्जा का संचार होता है. विपरीत करणी से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और उरीक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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