GK: केले का पेड़ जैसा कुछ होता ही नहीं, तो फिर उसे क्या कहते हैं जहां पर लगते हैं केले?
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GK: केले का पेड़ जैसा कुछ होता ही नहीं, तो फिर उसे क्या कहते हैं जहां पर लगते हैं केले?

Banana Plant: केले का पौधा सबसे बड़ी जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है.केले के फल तो आपने बहुत खाए होंगे, इसके पत्तों में कभी खाना भी खाया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं केले का पौधों से भी खाने की चीजें बनाई जाती है? 

GK: केले का पेड़ जैसा कुछ होता ही नहीं, तो फिर उसे क्या कहते हैं जहां पर लगते हैं केले?

Interesting Facts About Banana Plant: फलों की श्रेणी में केले का फल सबसे बढ़िया माना जाता है. यह एक ऐसा आम फल है, जो हर किसी की पहुंच में होने के साथ ही ढेरों हेल्थ बेनिफिट देता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह हर मौसम में उपल्ब्ध होता है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि इसका सेवन करके सेहत बनाने के लिए आपको किसी एक मौसम का इंतजार नहीं करना पड़ता है. आज हम आपको केले के पेड़ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में इससे पहले आपको शायद ही मालूम रहा होगा. 

पेड़ की कैटेगरी में नहीं आता केले का पेड़ 

सबसे पहली बात तो आपको शायद ही पता होगा कि केले का फल गुच्छे में लगता है. हालांकि, ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों ने तो इन्हें देखा होगा, लेकिन वो भी यह नहीं जानते होंगें कि जिस पेड़ पर केले के फल लगते हैं, उसे पेड़ की श्रेणी में ही नहीं गिना जाता है.

वनस्पति विज्ञान के दृष्टिकोण में केले के पेड़ को पेड़ों की श्रेणी से बाहर रखा गया है. हालांकि, इसके आकार को देखकर इसे पेड़ ही कही जाता है, लेकिन असल में यह पेड़ होता ही नहीं है. बॉटनी के मुताबिक केले का पौधा मेहंदी, पुदीना, तुलसी या अन्य किसी भी जड़ी-बूटियों की तरह ही एक पौधा है.

क्योंकि इससे नहीं मिलती लकड़ियां

दरअसल, वनस्पति विज्ञान के अनुसार पौधों को कुछ कैटेगरी में बांटा गया है, जिसमें झाड़ी, पेड़ और जड़ी-बूटियां शामिल है. इनमें से पेड़ उन्हें कहा जाता है, जिनके तनों में लिग्निन होता है. आसान भाषा में समझा जाएं तो पेड़ वे होते हैं, जिनके तनों से हमें लकड़ियां प्राप्त होता हैं. 
जबकि, झाड़ियों में पौधे की जड़ के पास से ही कई सारे तने निकलते हैं. झाड़ियों के तने बहुत ही पतले होते हैं.
वहीं, जड़ी-बूटी वाले पौधे बहुत ही नाजुक और मुलायम होते हैं. इन पौधों में लकड़ी बिल्कुल भी नहीं होती. 

केले का पौधा इसी क्राइटेरिया में आता है. यह पौधा चाहे कितना भी ऊंचा और बड़ा क्यों न हो जाए, नरम ही होता है. इसमें तना नहीं होता है और इसकी छाल इतनी नरम होती है कि आप इसे नाखूनों से भी खुरच कर निकाल सकते हैं. केले के पौधे में एक स्यूडोस्टेम होता है, जो गोलाकार होता है और कई पत्तों से ढका हुआ होता है. इसी में फूल और फल लगते हैं.

केले के पौधे की सबसे खास बात

इसकी संचरना पेड़ों से बिल्कुल अलग है. इस पौधे में सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कार्बन खींच लेता है. जबकि, जड़ी-बूटियों के अन्य पौधों में यह क्षमता नहीं पाई जाती है. केले का पौधा उम्र बढ़ने के साथ ही बढ़ता रहता है. वहीं, ज्यादातर जड़ी-बूटियां एक-दो बार फल देने के बाद सूख जाती हैं. 

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