Airplane Window Facts: पहले प्लेन में गोल के बजाय चौकोर विंडों ही बनी होती थी, लेकिन बाद में इसे गोल किया गया था.
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Airplane Window Facts: आप लोगों में से कई लोगों ने हवाई जहाज में यात्रा तो जरूर करी होगी. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने कभी ना कभी टीवी सीरियल या फिल्मों में हवाई जहाज को अंदर और बाहर दोनों जगहों से देखा होगा. क्या आपने उस दौरान इस बात को नोटिस किया है कि आखिर प्लेन की विंडो चौकोर या कोनेदार होने के बजाय गोल ही क्यों होती है? अगर नहीं, तो आइये आज हम आपको इसके पीछे की खास वजह भी बता ही देते हैं.
तो इसलिए प्लेन की विंडो होती है गोल...
दरअसल, देखा जाए तो प्लेन की विंडो पूरी तरह से गोल नहीं होती है. लेकिन इसमें कोने भी नहीं होते हैं और यह लगभग गोलाकार आकार में ही बनी होती हैं. अब सबसे पहले बता दें कि प्लेन की विंडो में कोने जानबूझ कर नहीं बनाए जाते हैं. इसका सबसे अहम कारण यह है कि अगर विंडो का आकार चौकोर होगा तो वह हवा का दबाव नहीं सब पाएगा और वह आसमान में जाते ही या उससे पहले ही चटक जाएगा. जबकि गोल शेप में बनी विंडो हवा का दबाव आसानी से सह लेती है. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि विंडो के गोल या घुमावदार होने के कारण हवा का प्रेशर हर तरफ बराबर बट जाता है.
इसके अलावा बता दें कि जब हवाई जहाज आसमान में होता है तब हवा का प्रेशर प्लेन के अंदर और बाहर दोनो तरफ होता है और यह समय-समय पर बदलता भी रहता है. इसलिए भी हवाई जहाज में गोल विंडो लगाई जाती है.
प्लेन की विंडो पहले हुआ करती था चौकोर
हालांकि, बता दें पहले प्लेन में गोल के बजाय चौकोर विंडों ही बनी होती थी. लेकिन ऐसा इसलिए था क्योंकि पहले हवाई जहाज कम स्पीड से साथ कम ऊंचाई पर उड़ा करते थे. जिस वजह से चौकोर विंडों पर लगे शीशे हवा का प्रेशर झेल जाते थे. लेकिन जैसे-जैसे हवाई जहाज से यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ने लगी, वैसे-वैसे हवाई जहाज की स्पीड में भी वृद्धि आने लगी और इसी के साथ-साथ प्लेन को अधिक ऊंचाई पर उड़ाया जाने लगा और तभी जाकर अधिक स्पीड के कारण प्लेन में गोल विंडो लगाई जाने लगी.