ट्रेन के किस कोच में किसने की है चेन पुलिंग, इसका गार्ड को कैसे चल जाता है पता? जानें इसके पीछे की राज
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ट्रेन के किस कोच में किसने की है चेन पुलिंग, इसका गार्ड को कैसे चल जाता है पता? जानें इसके पीछे की राज

Chain Pulling in Train: अगर को कोई व्यकित चलती ट्रेन में आपातकालीन चेन खींचता है, तो ट्रेन चला रहे लोको पायलट को तुरंत पता लग जाता है कि ट्रेन की चेन खींची गई है, जिसके बाद वह 3 बार हॉर्न मारता है. 

ट्रेन के किस कोच में किसने की है चेन पुलिंग, इसका गार्ड को कैसे चल जाता है पता? जानें इसके पीछे की राज

Chain Pulling in Train: भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. अब इसके पीछे का सबसे अहम कारण यह है कि देश भर में रोजाना करोड़ों लोग भारतीय रेलवे के जरिए सफर करते हैं. वहीं, कई बार सफर के दौरान देखा गया है कि ट्रेन में बैठे लोग किसी कारण से या कोई इमरजेंसी होने पर कोच में लगी चेन को खीच देते हैं, जिससे पूरी ट्रेन रुक जाती है. अब सवाल यह है कि चेन खीचने के तुरंत बाद ट्रेन के गार्ड को यह कैसे पता चल जाता है कि चेन ट्रेन के किस कोच में किस व्यक्ति के द्वारा खींची गई है? क्या आप यह जानते हैं कि आखिर ऐसा कौन सा सिस्टम है, जिससे गार्ड तुरंत चेन खींचने वाले का पता लगा लेता है? अगर आप इसके बारे में नहीं जानते, तो आइये आज हम आपको इसके बारे में बताते विस्तार से बताते हैं.

चेन पुलिंग के बाद पायलट क्यों बजाता है 3 बार हॉर्न

दरअसल, सबसे पहले आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में चेन खींचता है, तो ट्रेन के लोको पायलट को पता लग जाता है कि किसी ने ट्रेन की चेन खींची है, जिसके बाद वह 3 बार हॉर्न मारता है. 3 बार लगातार हॉर्न की आवाज सुनकर ट्रेन में बैठे गार्ड को भी यह पता लग जाता है कि ट्रेन में बैठे किसी व्यक्ति ने इमरजेंसी चेन पुलिंग की है. इसके अलावा यह भी बता दें कि पायलट चेन खींचने के बाद तब तक ट्रेन नहीं रोकता जब तक उसे ट्रेन रोकने के लिए कोई सेफ जगह ना मिल जाए.

चेन अलार्म सिस्टम और चेन लाइट सिस्टम में क्या है फर्क

अब आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन के हर एक कोच के बाहर चेन अलार्म सिस्टम या चेन लाइट सिस्टम लगा होता है. दिन के समय यह पता करने के लिए कि चेन पुलिंग किस कोच से की गई है, इसके लिए चेन अलार्म सिस्टम काम आता है. जबकि रात के समय चेन पुलिंग किस कोच से हुई है, इसके लिए चेन लाइट सिस्टम काम आता है.

गार्ड को ऐसे पता चलता है कि किसने की है चेन पुलिंग 

दरअसल, ट्रेन रोकने के लिए लगी इमरजेंसी चेन का एक हिस्सा कोच के अंदर होता है, तो उसका दूसरा हिस्सा कोच के बाहर एक सॉकेट में फंसा होता है. अब जब किसी कोच से ट्रेन को रोकने के लिए इमरजेंसी चेन खींची जाती है, तो कोच के बाहर वाले हिस्से में फंसी चेन सॉकेट से निकल कर लटक जाती है और गार्ड उसी लटकी हुई चेन को देखकर यह पता लगा लेता है कि चेन किस कोच से खींची गई है. इसके बाद गार्ड उस कोच में चढ़कर उस व्यकित को पकड़ लेता है, जिसने चेन खींची होती है. इसके बाद चेन खींचने की कोई ठोस या खास वजह ना होने पर गार्ड उस व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लेता है.

रात में समय इसकी मदद से पता चलता है किसने की है चेन पुलिंग

अब इसी प्रकार से रात के समय अगर कोई व्यक्ति चेन पुलिंग करता है, तो चेन के खींचने के तुरंत बाद कोच के बाहर लगे चेन लाइट सिस्टम की लाइन जल जाती है, जिससे रात के समय भी ट्रेन के गार्ड को यह पता चल जाता है कि चेन किस कोच में किस व्यक्ति ने खींची है.

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