जब इस दिव्यांग IAS को UPSC क्रैक करने के बाद भी नहीं दिया गया कोई पद, तब दोबारा परीक्षा देकर बनीं ऑल इंडिया टॉपर
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जब इस दिव्यांग IAS को UPSC क्रैक करने के बाद भी नहीं दिया गया कोई पद, तब दोबारा परीक्षा देकर बनीं ऑल इंडिया टॉपर

IAS Ira Singhal Success Story: इरा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बावजूद पोस्टिंग न दिए जाने के खिलाफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में अर्जी डाली, जिसके करीब 4 साल बाद ट्रिब्यूनल ने इरा के हक में फैसला सुनाया था.

जब इस दिव्यांग IAS को UPSC क्रैक करने के बाद भी नहीं दिया गया कोई पद, तब दोबारा परीक्षा देकर बनीं ऑल इंडिया टॉपर

IAS Ira Singhal Success Story: आपने शायद यह कहावत जरूर सुनी हो कि "तकदीर बदल जाती हैं अगर जिन्दगी का कोई मकसद हो, वरना जिन्दगी तो कट ही जाती हैं तकदीर को इल्जाम देते-देते." इस कहावत पर आईएएस ऑफिसर इरा सिंघल (IAS Officer Ira Singhal) पूरी तरह से खरी उतरती हैं. क्योंकि उन्होंने शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद ना केवल अपने बचपन के सपने को पूरा किया है बल्कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर ऑल इंडिया नंबर 1 रैंक हासिल की और आईएएस ऑफिसर बन गईं.

डीएम की कानूनी ताकत से मिली IAS बनने की प्रेरणा
इरा सिंघल उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की रहने वाली है. इरा का बचपन मेरठ में गुजरा है, जिस कारण उन्होंने अक्सर शहर में कर्फ्यू लगते हुए भी देखा है. बचपन में जब उन्होंने लोगों को यह बातचीत करते हुए सुना कि कर्फ्यू लगाने का आदेश एक डीएम (District Magistrate) द्वारा दिया जाता है और उनके पास कई तरह की कानूनी ताकतें होती हैं, तो इरा इससे काफी प्रभावित हो गईं. वहीं, उसी समय उन्होंने अपने मन में आईएएस ऑफिसर बनने की ठान ली थी. हालांकि, जब भी इरा अपने आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनने के सपने का जिक्र लोगों से करती थी, तब वे कहते थे कि जो खुद सही तरह से चल नहीं पाती है, वो समाज को सही तरह से कैसे चलाएगी.

जॉब से साथ की यूपीएससी की तैयारी
बता दें कि इरा सिंघल ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NSIT) से बीटेक (B.Tech) और एमबीए (MBA) की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कोका कोला (Coca Cola) और कैडबरी (Cadbury) जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम किया. लेकिन उनका मन बचपन से ही IAS ऑफिसर बनने का था. इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.

UPSC क्रैक करने पर भी नहीं मिला कोई पद
इरा की तैयारी कुछ ऐसी थी कि उन्होंने साल 2010 में सिविल सेवा परीक्षा पास भी कर ली, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें उस साल दिव्यांग होने के कारण किसी भी सरकारी पद पर नियुक्ति नहीं दी गई. ऐसे में इरा ने हार ना मानते हुए पोस्टिंग न दिए जाने के खिलाफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में अर्जी डाल दी, जिसके करीब 4 साल बाद ट्रिब्यूनल ने इरा के हक में फैसला सुनाया और 4 साल लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद साल 2014 में इरा सिंघल को हैदराबाद में सरकारी पद पर नियुक्त किया गया.

दूसरी बार में बनीं UPSC ऑल इंडिया टॉप
 हालांकि, इरा शुरू से ही IAS बनना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने साल 2014 में दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया. इस बार उन्होंने जनरल कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉप करके अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया और यह भी साबित कर डाला कि वह इस पद की वाकई हकदार है.

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