सोशल मीडिया पर दोस्ती, IPS से बने संबंध पर नहीं मिली कुंडली... सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले की पूरी कहानी
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सोशल मीडिया पर दोस्ती, IPS से बने संबंध पर नहीं मिली कुंडली... सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले की पूरी कहानी

Supreme Court News: बिहार पुलिस की एक महिला डीएसपी ने एक IPS पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया गया था. अब DSP ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 

सोशल मीडिया पर दोस्ती, IPS से बने संबंध पर नहीं मिली कुंडली... सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मामले की पूरी कहानी

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. एक आईपीएस अफसर के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दुष्कर्म की FIR रद्द होने के बाद महिला डीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आरोप है कि आईपीएस अधिकारी शादी का झूठा वादा करके महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए. उनकी इस अपील पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है. जानिए पूरा मामला. 

बिहार पुलिस की एक महिला उपाधीक्षक (डीएसपी) ने पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया गया था. 

जस्टिस पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच सोमवार को डीएसपी की अपील पर सुनवाई कर सकती है. बता दें कि महिला अधिकारी की शिकायत पर 29 दिसंबर 2014 को आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद और उनके माता-पिता के खिलाफ बिहार के कैमूर में महिला थाने में FIR दर्ज की गई थी, आनंद के खिलाफ रेप और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर अपराधों सहित विभिन्न आरोप लगाए गए हैं, जबकि आईपीएस अधिकारी के माता-पिता के विरुद्ध अपराध के लिये उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भभुआ में डीएसपी के रूप में ज्वाइनिंग के दो दिन बाद, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आनंद ने सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती हुई. इसके बाद दोनों ने एक दूसरे से शादी का मन बनाया, हालांकि शादी से पहले दोनों ने रिलेशनशिप भी बनाए. लेकिन उनकी कुंडली नहीं मिलने की वजह से उनकी शादी नहीं हो पाई. 

याचिका में सम्मान पूर्वक कहा गया है कि उच्च न्यायालय यह समझने में विफल रहा कि अपराध के समय आरोपी पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात था और याचिकाकर्ता उनके अधीनस्थ अधिकारी के रूप में तैनात थी. इसके अलावा कहा गया कि IPS ने उससे शादी करने का आश्वासन भी दिया, जिससे बाद में आईपीएस अधिकारी ने अस्पष्ट कारणों का हवाला देकर इनकार कर दिया. 

हाईकोर्ट ने क्या कहा
मामले को लेकर उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि महिला काफी समय से आईपीएस अधिकारी के साथ रिश्ते में थी और स्वेच्छा से उसके साथ रही तथा शारीरिक संबंध बनाए. अगर संबंध दोनों पक्षों के नियंत्रण से परे कारणों की वजह से ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. तो यह आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय अपराध के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज करने का आधार नहीं हो सकता है. इसलिए, याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करना पूरी तरह से अनुचित है. (भाषा)

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