Police Eye on Mukhtar Ansari Closest Shooters: बाबू , बीकेडी, नेपाली... ये कोई आम लोग नहीं हैं, बल्कि माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के शूटर्स थे और मुख्तार की मौत के बाद अब पुलिस इन शूटर्स पर नजर रख रही है.
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Mukhtar Ansari Shooters: बाबू , बीकेडी, नेपाली... क्राइम की दुनिया में इनका खौफ है और कई सालों से अंडरग्राउंड हैं. ये सभी शार्प शूटर्स हैं. माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के लिए काम करते थे. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब पुलिस इन शूटर्स पर नजर रख रही है. अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर, विश्वास नेपाली, शहाबुद्दीन और बीकेडी चार शूटर्स हैं, जो मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी थे. ये सभी कई सालों तक अंडरग्राउंड रहे और मुख्तार की मदद की. यूपी पुलिस के साथ-साथ सीबीआई भी पिछले कई सालों से बाबू, विश्वास नेपाली और शहाबुद्दीन की तलाश कर रही है.
बीकेडी की तो फोटो भी नहीं है पुलिस के पास
मुख्तार अंसारी के करीबी शहाबुद्दीन, बाबू और विश्वास नेपाली पिछले कई सालों से फरार हैं. इसके साथ ही बीकेडी को लेकर भी रहस्य बरकरार है.बीकेडी लंबे समय से मुख्तार के दुश्मन माफिया ब्रिजेश सिंह के पीछे पड़ा है और नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. वाराणसी में ब्रिजेश के करीबी अजय खलनायक पर हमला करने वाले बीकेडी की तस्वीर भी पुलिस के पास नहीं है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बीकेडी को मुख्तार का पूरा संरक्षण प्राप्त था.
विश्वास नेपाली का अतीक अहमद से भी कनेक्शन
वहीं, मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर विश्वास नेपाली पिछले 18 साल से नेपाल में रह रहा है. एसटीएफ अधिकारियों को संदेह है कि विश्वास नेपाली ने बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल कुख्यात अपराधी गुड्डू मुस्लिम को शरण दी है. दरअसल, गुड्डू मुस्लिम का मुख्तार से पुराना नाता रहा है. वह मुख्तार के अलावा कई माफियाओं के लिए काम करता रहा है. गुड्डू मुस्लिम का अतीक अहमद के साथ भी कनेक्शन रहा है और वह अतीक का पूरा नेटवर्क चलाता था. उमेश पाल की हत्या के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम फरार है और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम है.
27 सालों से फरार है मुख्तार का मास्टरमाइंड बाबू
मुख्तार अंसारी के गिरोह का मास्टर माइंड कहा जाने वाला अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर पिछले 27 सालों से फरार है. सीबीआई और पुलिस को बाबू के अलावा उसके साथी शहाबुद्दीन की तलाश है, जिन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम है. साल 1997 में नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण में बाबू का नाम आया था. इसके बाद वह नेपाल और फिर बांग्लादेश फरार हो गया था. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी बाबू का नाम आया था, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आया है.
8 सालों में मारे गए मुख्तार गैंग के कई गैंगस्टर
पिछले आठ सालों के दौरान मुख्तार गैंग के कई सदस्य पुलिस मुठभेड़ या आंतरिक गैंगवार में मारे गए है. इनमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने वाले मुन्ना बजरंगी, राकेश पांडे, नौशाद, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा शामिल हैं. मुन्ना बजरंगी की पश्चिमी यूपी के माफिया सुनील राठी ने बागपत जेल में हत्या कर दी थी. जबकि, राकेश पांडे उर्फ हनुमान को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था. कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल बिहार के शूटर नौशाद को 2005 में ही एसटीएफ ने गाजीपुर में मार गिराया था. संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पिछले साल लखनऊ की एक अदालत में पेशी के दौरान एक युवक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. साल 2021 में मुख्तार के करीबी अजीत सिंह की भी लखनऊ में हत्या कर दी गई थी.
28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत
5 दिन पहले यानी 28 मार्च को माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई है. मुख्तार के परिवार ने जेल प्रशासन पर स्लो प्वाइजन देकर हत्या का आरोप लगाया था. इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. दरअसल, माफिया मुख्तार अंसारी बांदा मंडल जेल में बंद था और वहीं पर तबीयत खराब होने के बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.