Ek Din Ek Film: इस फिल्म ने खत्म किया उत्तर-दक्षिण का भेद, परिवारों से बगावत कर प्रेमी हो गए एक
Advertisement
trendingNow11596007

Ek Din Ek Film: इस फिल्म ने खत्म किया उत्तर-दक्षिण का भेद, परिवारों से बगावत कर प्रेमी हो गए एक

Ek Duuje Ke Liye: कमल हासन और रति अग्निहोत्री स्टारर एक दूजे के लिए को हिंदी की क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है. बॉलीवुड के गानों ने अगर हिंदी को दक्षिण भारत में पहुंचाया तो इस फिल्म में वासु और सपना की लव स्टोरी ने नॉर्थ-साउथ की दीवारें गिरा दी. इस फिल्म ने हिंदी गीतों को एस.पी. बालासुब्रमण्यम जैसी आवाज दी.

 

Ek Din Ek Film: इस फिल्म ने खत्म किया उत्तर-दक्षिण का भेद, परिवारों से बगावत कर प्रेमी हो गए एक

Kamal Hasan Rati Agnihotri Film: एक दूजे के लिए 1981 में आई अपने समय की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी, जिसने उस समय बॉक्स ऑफिस के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. यह रोमांटिक ट्रेजडी युवा प्रेमियों के ने खूब पसंद की. कमल हासन, रति अग्निहोत्री और माधवी इसके लीड रोल में थे. इन सभी की बॉलीवुड में यह पहली फिल्म थी. यहां तक कि निर्देशक के.बालचंद्र की भी यह पहली हिंदी फिल्म थी. फिल्म में नए चेहरे होने के बावजूद फिल्म हिंदी बेल्ट में काफी पसंद की गई. फिल्म के गानों के लिए एस.पी. बालासुब्रमण्यम को नेशनल अवार्ड मिला, तो अगल साल फिल्मफेयर में एक दूजे के लिए को 13 श्रेणियों में नामांकित किया गया. लेकिन शुरुआत में इस फिल्म की तस्वीर जरा अलग थी.

अंत पर अटकी बात
एक दूजे के लिए कोई डिस्ट्रीब्यूटर खरीदने के लिए तैयार नहीं था. कई लोगों ने फिल्म देखकर निर्देशक से कहा कि इसका अंत बदल दें क्योंकि यह काफी दुखी करने वाला है. ट्रेजिक है. एक दूजे के लिए को बालचंद्र तेलुगु भाषा में बना चुके थे. नाम था, मारो चरित्र. फिल्म तमिल लड़के और तेलुगु लड़की की कहानी थी. वहां फिल्म सुपरहिट हुई थी. कमल हासन उस फिल्म में भी हीरो थे. के. बालचंद्र ने जब देखा कि डिस्ट्रीब्यूटर नहीं खरीद रहे हैं तो उन्होंने शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर का ओपिनियन लेने के लिए उन्हें फिल्म दिखाई. फिल्म एक उत्तर भारतीय लड़की सपना और दक्षिण भारतीय लड़के वासु की प्रेम कहानी थी. बात सिर्फ धर्म की नहीं, बल्कि कल्चरल डिफरेंस की थी. दोनों प्रेमी परिवार से बगावत कर देते हैं. राज कपूर को फिल्म बहुत पसंद आई लेकिन ट्रेजिक ऐंड नहीं जमा क्योंकि वासु और सपना बने कमल हासन और रति अग्निहोत्री आत्महत्या कर लेते हैं.

दर्शक ने दिया फैसला
राज कपूर ने बालचंद्र को सलाह दी कि वह फिल्म का अंत बदल दे और हैप्पी एंड करे. ट्रेजिक फिल्म लोगों के गले नहीं उतरेगी. हालांकि के. बालचंद्र ने राज कपूर की राय लेने के लिए उन्हें फिल्म दिखाई थी, लेकिन अपने इरादों पर डटे रहे और उन्होंने फिल्म का एन्ड नहीं बदला. खैर, जैसे-तैसे फिल्म रिलीज हुई. ट्रेजिक अंत उस दौर में हिंदी दर्शको के लिए एक नया एक्सपेरिमेंट था. फिल्म खूब चली और क्लासिक कहलाई. यह फिल्म न केवल तब पसंद की गई, जब आज भी इसे खूब याद किया और देखा जाता है. फिल्म के गाने खूब चले थे और आज भी बजते हैं. आप इस फिल्म को यूट्यूब या फिर ओटीटी एमएक्स प्लेयर पर देख सकते हैं.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news