Siwan Lok Sabha Election 2024: सीवान में फिर भगवा बनाम बुर्का के आसार, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?
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Siwan Lok Sabha Election 2024: सीवान में फिर भगवा बनाम बुर्का के आसार, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?

Siwan Lok Sabha Chunav 2024 News: देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मस्थली सीवान लोकसभा क्षेत्र के उत्तर में गोपालगंज और पूर्व में सारण जिला है. इसके दक्षिण में उत्तर प्रदेश का देवरिया और पश्चिम में बलिया जिला स्थित है. सीवान सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान किया जाएगा.

Siwan Lok Sabha Election 2024: सीवान में फिर भगवा बनाम बुर्का के आसार, क्या है चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण?

Siwan Lok Sabha Election 2024: देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मभूमि सीवान में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सरगर्मी में राजनीतिक दलों के समीकरण बदलने लगे हैं. हालांकि, दावेदारी जताने में पुराने चेहरे भी पीछे नहीं हैं.  सीवान जिले के रूप में भले ही 1972 में अस्तित्व में आया हो, लेकिन 1957 से ही यह लोकसभा सीट है. नए परिसीमन के बाद 2009 में महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के कुछ हिस्से भी सीवान में शामिल कर लिए गए थे. 

लोकसभा चुनाव 2019 में कैसा था सीवान का हाल

1957 से लेकर 2019 तक सीवान लोकसभा क्षेत्र का चुनाव बदलते समीकरण के आधार पर होता रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू की कविता सिंह 4,48,473 वोटों से जीती थीं. राजद की हीना शहाब 3,31,515 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. सीपीआई(एमएल) के अमर नाथ यादव 74,644 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में हीना शहाब के बुर्के में होने की वजह से भगवा बनाम बुर्का का सियासी जुमला उभारा गया था. इस बार भी ऐसे ही संघर्ष के आसार लग रहे हैं.

सीवान सीट पर कांग्रस 6 बार और भाजपा 2 बार जीती

सीवान लोकसभा सीट पर कांग्रस ने छह बार और भाजपा ने दो बार जीत हासिल की है. उसके अलावा इस सीट पर समाजवादी दलों के उम्मीदवार जीते. लोकसभा चुनाव 2024 में भी एनडीए के सीट बंटवारे में यह सीवान जदयू के कोटे में गई है. हालांकि, एनडीए और विपक्षी इंडी गठबंधन से अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. 

इस बार भी जदयू और राजद में भिड़ंत होगी. हालांकि, राजद छोड़ चुकीं हीना शहाब भी निर्दलीय किस्मत आजमाने का एलान कर चुकी हैं. कुख्यात गैंगस्टर से सीवान के राजद सांसद बने शहाबुद्दीन की बीवी हीना शहाब को राजद से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी. कोरोनावायरस चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, सीवान सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान किया जाएगा.

सीवान लोकसभा क्षेत्र का अब तक चुनावी इतिहास

सीवान लोकसभा क्षेत्र के पहले सांसद कांग्रेस के झूलन सिंहा थे. सीवान लोकसभा सीट पर लगातार 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा है. लेकिन , आपातकाल के बाद 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की लहर में कांग्रेस हार गई. जनता पार्टी को कामयाबी मिली, लेकिन ठीक तीन साल बाद 1980 में सीवान में कांग्रेस की वापसी हो गई. 1984 में सीवान से अब्दुल गफूर जनता ने जीत दिलाई. 

पहली बार 1989 में  भाजपा के टिकट पर जनार्दन तिवारी चुनाव जीते थे. इसके बाद 1991 में यह सीट जनता दल के खाते में गई तो वृषिण पटेल चुनाव जीते. 2009 में निर्दलीय ओमप्रकाश यादव जीते. 2014 में फिर से भाजपा ने उन्हीं को प्रत्याशी बनाकर चुनाव जीता. लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए की ओर से जदयू के खाते में सीट गई तो कविता सिंह चुनाव जीतीं. 

सीवान में विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का दबदबा

बिहार राज्य के 40 लोकसभा निर्वाचन सीटों में सीवान यूपी से सटा हुआ लोकसभा सीट है. 1957 में अस्तित्व में आए सीवान सीवान लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटों को शामिल किया गया है. इनमें सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दारौंदा और बड़हरिया विधानसभा शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक सीवान , बड़हरिया और रघुनाथपुर से राजद , जीरादेई और दरौली में माले और दरौंदा से भाजपा के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं. इसका मतलब विधानसभा सीटों में महागठबंधन के विधायकों की संख्या अभी अधिक है. एनडीए में भाजपा से महज एक विधायक हैं.

सीवान लोकसभा क्षेत्र की डेमोग्राफी और जातीय समीकरण

सीवान लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,99,551 मतदाता हैं. इनमें 8,55,554 पुरुष मतदाता हैं और महिला मतदाताओं की संख्या 9,43,944 है. जातीय समीकरण की बात करें तो सीवान में सबसे ज्यादा 2.5 लाख यादव, 1.25 लाख कुशवाहा, चार लाख सवर्ण, 2.5 लाख ईबीसी, 80 हजार मल्लाह और करीब तीन लाख मुस्लिम मतदाता हैं. साल 2021 में कोरोना से शहाबुद्दीन की मौत के बाद सीवान में पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहा है.

सीवान लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसदों की सूची

1957: झूलन सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: मोहम्मद यूसुफ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: मोहम्मद यूसुफ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971: मोहम्मद यूसुफ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: मिर्तांजय प्रसाद वर्मा, भारतीय लोक दल
1980: मोहम्मद यूसुफ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)
1984: अब्दुल गफ़ूर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: जनार्दन तिवारी, भारतीय जनता पार्टी
1991: बृष्णि पटेल, जनता दल
1996: मोहम्मद शहाबुद्दीन, जनता दल
1998: मोहम्मद शहाबुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल
1999: मोहम्मद शहाबुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल
2004: मोहम्मद शहाबुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल
2009: ओम प्रकाश यादव, स्वतंत्र
2014: ओम प्रकाश यादव, भारतीय जनता पार्टी
2019: कविता सिंह, जनता दल(यूनाइटेड)

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