Lok Sabha Chunav: हाजीपुर से चुनाव लड़ने पर अड़े पशुपति पारस, क्या बिखर जाएंगे भतीजे चिराग के सपने?
Advertisement
trendingNow12157969

Lok Sabha Chunav: हाजीपुर से चुनाव लड़ने पर अड़े पशुपति पारस, क्या बिखर जाएंगे भतीजे चिराग के सपने?

Lok Janshakti Party News: पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मीडिया के माध्यम से आई खबरों के मुताबिक हमारी पार्टी को तरजीह नहीं दी जा रही है. जबतक विधिवत बीजेपी की लिस्ट नहीं आती तब तक हमारा आग्रह है कि हमारे पार्टी के 5 सांसदों पर विचार करें.

Lok Sabha Chunav: हाजीपुर से चुनाव लड़ने पर अड़े पशुपति पारस, क्या बिखर जाएंगे भतीजे चिराग के सपने?

Pashupati Kumar Paras: केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि आज हमारे संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. सदस्यों ने फैसला किया है कि जब तक बीजेपी की उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हो जाती, हम इंतजार करेंगे. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमारे पांचों सांसदों पर विचार करें. हम सूची का इंतजार करेंगे. घोषणा के बाद अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं. हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. फिलहाल समय का इंतजार करेंगे और सही समय पर फैसला लेंगे. अगर उन्होंने हाजीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो चिराग पासवान के लिए यह झटका होगा.

जब तक बीजेपी की लिस्ट नहीं आती ..
असल में पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मीडिया के माध्यम से आई खबरों के मुताबिक हमारी पार्टी को तरजीह नहीं दी जा रही है. इससे हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है. जबतक विधिवत बीजेपी की लिस्ट नहीं आती तब तक हमारा आग्रह है कि हमारे पार्टी के 5 सांसदों पर विचार करें.

.. .

पासवान परिवार में फूट के बाद केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे पशुपति..
पशुपति पारस का ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीजेपी ने उनकी जगह भतीजे चिराग पासवान को साथ लेने का फैसला किया है. असल में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी के सामने चुनौती थी कि वो चिराग पासवान के साथ जाए या उनके चाचा पशुपतिनाथ पारस से गठबंधन करे. फिर बीजेपी ने इस चुनाव में चिराग पासवान को साथ लिया. हालांकि पशुपति पारस लंबे समय तक केंद्र में मंत्री रहे. 

चुनावों में चिराग को ज्यादा तरजीह..
जून 2021 में चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस अलग हुए थे. इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल किया गया था. वे लगातार हाजीपुर सीट से लड़ने के लिए अड़े हुए थे और अभी भी वे यही बात कह रहे हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी बिहार में सीट शेयरिंग के मसले को कैसे हल करती है. हालांकि पासवान परिवार को लेकर बीजेपी ने संदेश दे दिया है कि चुनावों में चिराग को ज्यादा तरजीह मिलेगी.

Trending news