Banka Lok Sabha Election 2024: बांका में मंदार और समाजवाद का रुतबा, यादव- राजपूत में सियासी जंग; क्या है चुनावी इतिहास और समीकरण
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Banka Lok Sabha Election 2024: बांका में मंदार और समाजवाद का रुतबा, यादव- राजपूत में सियासी जंग; क्या है चुनावी इतिहास और समीकरण

Banka Lok Sabha Chunav 2024 News: देश के पहले आम चुनाव 1952 में बांका लोकसभा क्षेत्र का अस्तित्‍व नहीं था. दूसरे लोकसभा चुनाव 1957 में बांका सीट का गठन किया गया था. मंदार पर्वत के लिए प्रसिद्ध इस सीट को समाजवादियों का गढ़ माना जाता है.

Banka Lok Sabha Election 2024: बांका में मंदार और समाजवाद का रुतबा, यादव- राजपूत में सियासी जंग; क्या है चुनावी इतिहास और समीकरण

Banka Lok Sabha Election 2024: बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में एक बांका का अस्तित्व देश के पहले आम चुनाव 1952 में नहीं था.  1957 में बांका लोकसभा सीट गठित किया गया था. बांका झारखंड सीमा से जुड़े होने के चलते वन संपदा से भरपूर है. इस वन क्षेत्र में बहुतायत में साल, आबनूस, आसन, केंदु और महुआ के वृक्ष मिलते हैं. वहीं, जंगली हंस, बतख, चील और बटेर जैसे पक्षी भी बड़ी संख्या में हैं. बांका में गन्ना की फसल के चलते गुड़ बनाने की कई मिलें हैं. 

बांका लोकसभा सीट समाजवादियों का गढ़, उतरे ये बड़े नेता

मंदार पर्वत के लिए प्रसिद्ध बांका लोकसभा सीट को जेपी आंदोलन के बाद से समाजवादियों का गढ़ माना जाता है. बांका लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले बड़े नेताओं में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चंद्रशेखर सिंह, उनकी पत्नी मनोरमा सिंह, मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडीस, बीएस शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे स्व. दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी पुतुल कुमारी का नाम शामिल है. इनमें ज्यादातर समाजवादी विचारधारा के नेता रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में बांका लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.

लोकसभा चुनाव 2019 में बांका सीट पर जदयू की बड़ी जीत

लोकसभा चुनाव 2019 में बांका सीट से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी गिरिधारी यादव ने 477,788 वोट पाकर जीत हासिल की थी. वहीं, राजद के जय प्रकाश नारायण यादव 277,256 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार पुतुल कुमारी थीं. उन्हें 103,729 वोट मिले थे. इसके अलावा 44,398 वोटों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कुमार चौथे नंबर पर रहे थे. 

बांका लोकसभा क्षेत्र में मौजूदा सियासी गणित

बांका लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट सुल्तानगंज, अमरपुर, धौरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर शामिल है. इनमें सुल्तानगंज विधानसभा पड़ोसी जिले भागलपुर का हिस्सा है. वहीं, धोरैया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) और कटोरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सुरक्षित है.  बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इन 6 सीटों में से तीन पर जदयू, दो पर भाजपा और महज एक सीट पर राजद के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. इस तरह बांका में एनडीए मजबूत स्थिति में है. 

एनडीए में सीट बंटवारे में इस बार भी बांका सीट जदयू के खाते में गई है. वहीं, इंडी गठबंधन ने सीट बंटवारे का एलान नहीं किया है. हालांकि, राजद का इस सीट पर दावा है. बांका लोकसभा सीट पर इस बार चुनाव में बाहरी बनाम भीतरी का मुद्दा बन सकता है. क्योंकि बांका में अब तक बने सांसदों में ज्यादातर जमुई जिले के मूल निवासी रहे हैं. इस बार 1548 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले जाएंगे.

यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या ज्यादा

साल 2011 की जनगणना के अनुसार बांका संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 20 लाख 34 हजार 763 है. बांका लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 15 लाख से ज्यादा है. बांका में जातीय समीकरण की बात करें तो सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. इनकी संख्या 3 लाख से ज्यादा है. सवर्ण वोटर्स में राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार और कायस्थ वोटरों की संख्या साढ़े 3 लाख के करीब है. इसके अलावा कुर्मी, कोयरी, महादलित और मुस्लिम वोटर भी बड़ी संख्या में हैं. बांका जिले में एसटी की आबादी 75 हजार से ज्यादा है.

बांका लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

बांका लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास को देखें तो इस सीट पर शुरुआत में कांग्रेस का ही दबदबा देखने को मिलता है. यहां की पहली सांसद शकुन्तला देवी थीं. आम चुनाव 1957 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. 1962 के चुनाव में भी शकुन्तला देवी जीतीं. 1967 में भारतीय जनसंघ के बेनी शंकर शर्मा विजयी रहे. 1971 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और शिव चंद्रिका प्रसाद सांसद बने. सोशलिस्ट पार्टी के मधु लिमये ने 1977 का चुनाव जीता. लेकिन इसके बाद लगातार कांग्रेस जीती. 

1989 में जनता दल ने रोका कांग्रेस का विजय रथ

1980 से लेकर 1986 तक कांग्रेस के प्रत्याशी ही सांसद बने. 1989 में कांग्रेस के विजय रथ को जनता दल के उम्मीदवार ने रोका. 1989 और 1991 का चुनाव जनता दल के प्रताप सिंह ने जीता. इसके बाद 1996 में जनता दल ने गिरिधारी यादव को टिकट दिया. उन्होंने जीत हासिल की. 2004 में गिरिधारी यादव राजद के टिकट पर लड़कर जीते. 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार दिग्विजय सिंह जीते. 2014 में राजद के जय प्रकाश नारायण यादव ने चुनाव में जीत हासिल की. 2019 में जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर गिरिधारी यादव चुनाव लड़े और विजयी हुए.

बांका लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसदों की सूची

1952: अस्तित्व में नहीं
1957: शकुंतला देवी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962: शकुंतला देवी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967: बी। एस। शर्मा, भारतीय जनसंघ
1971: शिव चंद्रिका प्रसाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1973: (उप चुनाव): मधु लिमये, जनता पार्टी
1977: मधु लिमये, भारतीय लोक दल
1980: चंद्रशेखर सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1984: मनोरमा सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1985: (उप चुनाव): चंद्रशेखर सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
1986: (उप चुनाव): मनोरमा सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989: प्रताप सिंह, जनता दल
1991: प्रताप सिंह, जनता दल
1996: गिरधारी यादव, जनता दल
1998: दिग्विजय सिंह, समता पार्टी
1999: दिग्विजय सिंह, जनता दल (यूनाइटेड)
2004: गिरधारी यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2009: दिग्विजय सिंह, स्वतंत्र
2010: पुतुल कुमारी सिंह, स्वतंत्र (उप चुनाव)
2014: जय प्रकाश नारायण यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2019: गिरधारी यादव, जनता दल (यूनाइटेड)

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