Jammu Kashmir Elections 2024: हब्‍बा कदल के हालात...कश्‍मीर पंडितों के हिस्‍से में कितनी आई 'बयार'?
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Jammu Kashmir Elections 2024: हब्‍बा कदल के हालात...कश्‍मीर पंडितों के हिस्‍से में कितनी आई 'बयार'?

Kashmiri Pandit: श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में एक सीट हब्‍बा कदल है. घाटी में आज की तारीख में सबसे ज्‍यादा कश्‍मीरी पंडित वोटर इसी सीट पर हैं. 

Jammu Kashmir Elections 2024: हब्‍बा कदल के हालात...कश्‍मीर पंडितों के हिस्‍से में कितनी आई 'बयार'?

1990 में कश्‍मीर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होने वाले कश्‍मीरी पंडितों के लिए 5 अगस्‍त, 2019 को आर्टिकल 370 खत्‍म होने के बाद क्‍या बदला है? 10 साल बाद कश्‍मीर में चुनाव हो रहा है और 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग के बीच ये सवाल घाटी की फिजाओं में गूंज रहा है? उसका जवाब ये है कि भले ही 35 साल पहले पलायन को मजबूर हुए तीन लाख पंडित कभी अपने घर नहीं लौट पाए लेकिन कश्‍मीर में इस बार चुनावों में उनकी उपस्थिति पिछले वर्षों में सर्वाधिक है. इस बार कश्‍मीर के सियासी मैदान में 14 पंडित हैं. जबकि 2014 में 4, 2008 में 12 और 2002 में 9 पंडितों ने चुनाव लड़ा. 

हब्‍बा कदल
श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके में एक सीट हब्‍बा कदल है. घाटी में आज की तारीख में सबसे ज्‍यादा कश्‍मीरी पंडित वोटर इसी सीट पर हैं. यानी करीब 25 हजार पंडित वोटर हैं. जाहिर है कि सबसे ज्‍यादा इस समुदाय के 6 प्रत्‍याशी भी इसी सीट से किस्‍मत आजमा रहे हैं. इस सीट से प्‍यारेलाल हांडू दो बार जीते हैं. 1987 में वह पहली बार जीते थे. उसके बाद रमन मट्टू 2002 में निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में जीते और मुफ्ती सरकार में मंत्री बने. इस बार बीजेपी ने अशोक भट्ट को मैदान में उतारा है. खास बात ये है कि बीजेपी को छोड़कर किसी भी बड़े दल ने कश्‍मीरी पंडितों को मैदान में नहीं उतारा है. अशोक भट्ट को छोड़कर बाकी सभी 13 पंडित प्रत्‍याशी निर्दलीय या किसी नामालूम सी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं.

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पहली महिला प्रत्‍याशी
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा की राजपोरा से डेजी रैना चुनाव लड़ने वाली पहली पंडित महिला प्रत्‍याशी हैं. वह रामदास आठवले की रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं. इसी तरह श्रीनगर जादिबल से राकेश हांडू, बडगाम से संजय परवा, शंगस से दिलीप पंडित और पांपोर से रमेश वांगू निर्दलीय लड़ रहे हैं. ऑल अलायंस डेमोक्रेटिक पार्टी से अशोक कुमार कचरू भद्रवाह से इकलौते पंडित प्रत्‍याशी हैं. एमके योगी को अपनी पार्टी ने टिकट दिया है. 

गौरतलब है कि 35 हजार से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. EVM के जरिए व्यक्तिगत रूप से मतदान करने का विकल्प चुनने वाले प्रवासी कश्मीरी मतदाताओं को 24 मतदान केंद्रों पर यह सुविधा मिलेगी. इनमें जम्मू के 19, उधमपुर का 1 और दिल्ली के 4 मतदान केंद्र शामिल हैं. 

सियासत में वैसे तो 1990 के बाद से ही हर पार्टी के घोषणापत्र में घाटी में कश्‍मीरी पंडितों की वापसी की बात कही जाती रही है लेकिन अभी तक उनकी वापसी की कोई ऐसी मुकम्‍मल सूरत नहीं निकली. इस बार के चुनावों में उनकी आवाज कितनी विधानसभा में गूंजेगी ये देखने वाली बात होगी.

3 चरणों में चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होने हैं. आज (18 सितंबर) पहले चरण में सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. मतदान के लिए 3,276 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. जम्मू-कश्मीर में जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, दोरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं.

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