Madrasa Teachers Recruitment: मदरसों (Madrasa) में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योगी सरकार (Yogi Govt) बड़ा कदम उठाने जा रही है. मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी (TET) पास होना अनिवार्य बनाने की तैयारी है.
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Madrasa Teachers Eligibility: उत्तर प्रदेश (UP) सरकार राज्य के मदरसों में शिक्षकों की भर्ती (Madrasa Teachers Recruitment) के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास होने की योग्यता को अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है. मदरसों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योगी सरकार इस सिलसिले में एक प्रस्ताव तैयार कर रही है. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने कहा कि यूपी सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती में टीईटी प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाएगी. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार हो रहा है.
शिक्षा में सुधार के लिए टीईटी जरूरी
मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि यूपी के मदरसों में स्टूडेंट्स को अच्छी शिक्षा देने के लिए एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया गया है, क्योंकि यह वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया गया कोर्स है इसलिए इसे बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षकों का होना लाजमी है. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए योगी सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रतिभागियों का टीईटी पास होना जरूरी करने जा रही है.
यहां लागू नहीं होगी टीईटी की अनिवार्यता
हालांकि मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने साफ किया कि टीईटी की अनिवार्यता उर्दू, अरबी, फारसी या दीनियात के शिक्षकों के लिए लागू नहीं होगी. यह सिर्फ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती पर ही लागू की जाएगी.
मदरसों में दी जाएगी मॉडर्न एजुकेशन
इस सवाल पर कि मदरसों में टीचर्स की भर्ती का कानूनी अधिकार उनकी प्रबंध समितियों के पास होता है, क्या सरकार भर्ती में टीईटी की अनिवार्यता लागू करने के लिए कानून में कोई बदलाव करेगी, मंत्री दानिश अंसारी ने कहा, 'नहीं ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बस हम इतना करने जा रहे हैं कि मदरसों में मॉडर्न एजुकेशन के टीचर्स की भर्ती में टीईटी योग्यता अनिवार्य हो. यूपी सरकार ने साल 2017 में तहतानिया (कक्षा एक से पांच), फौकानिया (कक्षा पांच से आठ) और आलिया या उच्च आलिया स्तर (हाईस्कूल व उससे ऊपर) के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई की मंजूरी दी थी.'
उन्होंने कहा कि मॉडर्न एजुकेशन देने वाले टीचर्स के लिए टीईटी की अनिवार्यता लागू करने से एक ही मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बीच योग्यता का व्यावहारिक अंतर होगा, क्योंकि टीईटी पास करके भर्ती होने वाले शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता दीनियात या उर्दू, अरबी, फारसी पढ़ाने वाले शिक्षकों से ज्यादा होगी.
(इनपुट- भाषा)
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