कौन है वो जिसने 21 की उम्र में गोद लिया गांव, IAS-IPS और जजों को दी ट्रेनिंग, अब यहां कर रहा काम
Advertisement

कौन है वो जिसने 21 की उम्र में गोद लिया गांव, IAS-IPS और जजों को दी ट्रेनिंग, अब यहां कर रहा काम

Naveen Krishna Rai: नवीन कृष्ण राय ने कम उम्र में आश्चर्यजनक सफलता हासिल करने के लिए शुरुआती बाधाओं को पार कर लिया.

कौन है वो जिसने 21 की उम्र में गोद लिया गांव, IAS-IPS और जजों को दी ट्रेनिंग, अब यहां कर रहा काम

Naveen Krishna Rai: भले ही हम उनसे परिचित न हों, लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के बीरपुर गांव के लोग नवीन कृष्ण राय को एक नायक का जीवंत अवतार मानते हैं. उनके कारण, बीरपुर दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया है और जिले का नाम भारत के नक्शे पर उभर आया है.

नवीन वर्तमान में IIM इंदौर के सरकारी मामलों और बिजनेस डेवलपमेंट के मैनेजर हैं. बहरहाल, नवीन की ख्याति उसके गृहनगर में किए गए कामों से है. उनके काम के कारण कई संगठनों ने उनकी मदद की है, जिसमें आईआईएम इंदौर भी शामिल है, जहां वह वर्तमान में काम करते हैं.

नवीन कृष्ण राय ने कम उम्र में आश्चर्यजनक सफलता हासिल करने के लिए शुरुआती बाधाओं को पार कर लिया. बीरपुर, गाजीपुर से शुरू हुई उनकी जर्नी उनकी दृढ़ता और संकल्प का प्रमाण है.

शिक्षा प्राप्त करना नवीन के जीवन का आधार बन गया, क्योंकि उनके जन्म से कुछ महीने पहले ही उनके सार्जेंट पिता की मृत्यु के बाद उनका पालन-पोषण एक अकेली मां ने किया था. प्रयागराज में जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन के बाद उन्होंने 12वीं क्लास तक टॉप लेवल की शिक्षा प्राप्त की. बाद में, उन्होंने बी.टेक करने के लिए गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया.

बी.टेक की पढ़ाई के दौरान नवीन का इंटरेस्ट सबसे पहले सोशल वर्क में हुआ. उन्होंने इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया. 'रूरल यूथ लीडरशिप प्रोग्राम' की शुरुआत 2015 में गोरखपुर के तत्कालीन डीएम आईएएस रंजन कुमार ने जिले के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं की लीडरशिप एबिलिटी डिवेलप करने के उद्देश्य से की थी.

उस समय 21 साल के नवीन ने कमिश्नर पी गुरु प्रसाद के सहयोग से खोराबार ब्लॉक के मोतीराम अड्डा गांव को गोद लिया. सरकारी प्रोग्राम के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के उनके प्रयासों से गांव के विकास में मदद मिली.

नवीन सरकारी अधिकारियों को मैनेजमेंट सिखाने के लिए फेमस हो गए, भले ही उनके पास मैनेजमेंट की डिग्री नहीं थी. अपने एक्सपीरिएंस के कारण, वह पुलिस, न्यायिक सेवाओं और अर्धसैनिक बलों समेत अलग अलग राज्य प्रशिक्षण अकादमियों में न्यायाधीशों और अधिकारियों को मैनेजमेंट से संबंधित सब्जेक्ट पर ट्रेंड करने में सक्षम थे. नवीन ने आईआरएस, केंद्रीय रिजर्व बल, राज्य पुलिस सेवा और प्रशासनिक सेवा के हजारों अधिकारियों को मैनेजमेंट में ट्रेंड करके अहम योगदान दिया है.

नवीन सरकारी समितियों के सदस्य हैं, जिन्हें उनके ज्ञान और अनुभव के कारण नामांकित किया गया है. नीतियों और रणनीतियों को कुछ हद तक उनके मैनेजमेंट एरिया की अंतर्दृष्टि से आकार दिया जाता है. नवीन कृष्ण राय की जर्नी में शुरुआती कठिनाइयां, शैक्षणिक उपलब्धियां, जरूरी सामाजिक कार्य और सरकारी समितियों के भीतर मैनेजमेंट ट्रेनिंग और सलाहकार पदों में उल्लेखनीय भूमिका शामिल है.

Trending news