UGC Guidelines: यूजीसी ने कहा है कि 4 ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) में 10 में से 7.5 का न्यूनतम सीजीपीए स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स मास्टर डिग्री कोर्स पूरा किए बिना पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होंगे.
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University Grants Commission (UGC) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूजीसी ने हाल ही में पीएचडी में एडमिशन चाहने वाले स्टूडेंट्स के लिए अपने नए नियमों और पात्रता मानदंडों की घोषणा की है. यूजीसी इंडिया द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, स्टूडेंट्स अब अपने चार साल के अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम के पूरा होने के बाद पीएचडी कर सकते हैं.
इन नए नियमों के आधार पर, यूजीसी ने कहा है कि 4 ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) में 10 में से 7.5 का न्यूनतम सीजीपीए स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स मास्टर डिग्री कोर्स पूरा किए बिना पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होंगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग को इस महीने के आखिर तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम 2022 जारी करने की उम्मीद है. ये नियम 2022 से 2023 के नए शैक्षणिक सत्र से लागू होने की सबसे अधिक संभावना है.
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टाइम्स ऑफ इंडिया को यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया कि "हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में रिसर्च इको सिस्टम में सुधार करने के लिए रिसर्च करने के लिए चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री वाले स्टूडेट्स को पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है, यही कारण है कि हम 4 साल के यूजी स्टूडेंट्स को पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होने की अनुमति दे रहे हैं जिनके पास 7.5 और उससे ज्यादा का सीजीपीए है."
स्टूडेट्स को ध्यान देना चाहिए कि यदि उन्होंने 10 में से 7.5 से कम सीजीपीए हासिल किया है, तो पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र बनने के लिए उनके लिए मास्टर डिग्री का एक साल जरूरी है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को 0.5 ग्रेड अंक की छूट मिलेगी. पीएचडी कोर्स की अवधि कम से कम दो साल और अधिकतम छह साल तय की गई है, इसमें कोर्स वर्क की समयावधि को शामिल नहीं किया गया है.
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