National Education Policy (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सिंगल स्ट्रीम कॉलेजों को दो या उससे ज्यादा कॉलेजों के साथ मिलकर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने का रास्ता खोल दिया है.
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Prof. M. Jagadesh Kumar: देश में नई शिक्षा नीति आने के बाद से ही शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं. अब उच्च शिक्षा के स्तर पर बदलावों की तैयारी चल रही है इसी को लेकर जी न्यूज की बात यूजीसी के चैयरमैन से हुई जिन्होंने कई नई जानकारियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि देश में वन नेशन वन एंट्रेंस (One nation one entrance) टेस्ट को लाने की तैयारी शुरू हो गई है. यूजीसी के वन नेशन-वन परीक्षा प्रस्ताव के लागू होने के बाद, एनईईटी यूजी (NEET UG) और जेईई मेन (JEE Main) परीक्षाएं नहीं होंगी.
अब अगले 2 साल में वन नेशन-वन परीक्षा को करवाना ही सरकार का विजन है. वहीं मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, आर्ट कॉलेज मिलकर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवा सकेंगे. कोई भी एमबीबीएस, बीडीएस, बीटेक करने वाला स्टूडेंट साथ में आर्ट्स, मैनेजमेंट की भी पढ़ाई कर सकेगा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सिंगल स्ट्रीम कॉलेजों को दो या उससे ज्यादा कॉलेजों के साथ मिलकर डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाने का रास्ता खोल दिया है. हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की देखरेख के लिए एक कॉमन बॉडी होगी, जिसे हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) के तौर पर जाना जाएगा.
डिस्टेंस और ऑनलाइन मोड से पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज की डिग्री को पारपंरिक शिक्षा डिग्री के समान माना जाएगा. डिग्री नाम की नहीं काम की बनाना मकसद है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी स्टूडेंट्स के स्ट्रेस को दूर करने के लिए बदलाव लाएगी और इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट के बाद अब यूनिवर्सिटीज में इस साल देर से सेशन शुरू होंगे.
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