SDM Salary: अपने एरिया में डीएम जितनी ही होती है एसडीएम की पावर, जानिए कितनी होती है सैलरी और क्या होते हैं काम
Advertisement
trendingNow11421569

SDM Salary: अपने एरिया में डीएम जितनी ही होती है एसडीएम की पावर, जानिए कितनी होती है सैलरी और क्या होते हैं काम

SDM: डिवीजन स्तरर पर डीएम जैसे अधिकार एसडीएम के पास होते हैं. एसडीएम पोस्ट संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वालों से भरी जाती है. एसडीएम चुने जाने के लिए सबसे प्रमुख परीक्षा पीसीएस (PCS) होती है. इसका आयोजन राज्य स्तर पर होता है.

SDM Salary: अपने एरिया में डीएम जितनी ही होती है एसडीएम की पावर, जानिए कितनी होती है सैलरी और क्या होते हैं काम

SDM Post and Salary: किसी भी जिले में प्रशासनिक स्तर पर आप डीएम (DM) के बाद जो शब्द सबसे ज्यादा सुनते होंगे, वो है एसडीएम (SDM). लोगों के मन में एसडीएम को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन होती है. एसडीएम की फुल फॉर्म (Sub Divisional Magistrate) है. यहां मैजिस्ट्रेट शब्द की वजह से कुछ को ये लगता है कि एसडीएम न्यायालय से जुड़ा काम करता है, लेकिन ऐसा नहीं है. डीएम जहां पूरे जिले में सबसे ज्यादा पावरफुल होता है, उसके पास प्रशासनिक कार्यों से जुड़े लगभग सभी अधिकार होते हैं और पूरे जिले का प्रशासन उसके जिम्मे होता है. वहीं डिवीजन स्तरर पर डीएम जैसे अधिकार एसडीएम के पास होते हैं. लोग एसडीएम के काम, उसकी सैलरी आदि के बारे में जानना चाहते हैं. यहां हम इसी पर करेंगे विस्तार से बात.

कौन होता है एसडीएम

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 20 (4) के मुताबिक, राज्य सरकार एक उप-मंडल यानी सब-डिविजन के प्रभारी कार्यकारी मैजिस्ट्रेट को नियुक्त कर सकती है और जरूरत के हिसाब से उसे इस जिम्मेदारी से हटा सकती है. इसी प्रभारी को सब-डिविजन मैजिस्ट्रेट यानी एसडीएम कहा जाता है. एसडीएम प्रमोशन पाकर डीएम और स्टेट गवर्नमेंट में सेक्रेटरी पोस्ट तक पहुंच सकता है. राज्य प्रशासनिक सेवा की वरीयता में एसडीएम का पद सबसे ऊपर होता है.

इस तरह होती है भर्ती

एसडीएम पोस्ट संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वालों से भरी जाती है. एसडीएम चुने जाने के लिए सबसे प्रमुख परीक्षा पीसीएस (PCS) परीक्षा होती है. इसका आयोजन राज्य स्तर पर होता है. दरअसल, हर राज्य में एक आयोग होता है, जिसे प्रोविंशियल सिविल सर्विस कहते हैं. पीसीएस में टॉप रैंक को यह पद मिलता है, जबकि एक आईएएस ऑफिसर की अपने कैडर में ट्रेनिंग के दौरान या बाद में पहली पोस्टिंग एसडीएम के रूप में हो सकती है. एसडीएम का कोई तय वर्किंग आवर्स नहीं है. एसडीएम को हर समय ड्यूटी के लिए तैयार रहना पड़ता है.

कितनी मिलती है सैलरी

एसडीएम की सैलरी की बात करें तो सैलरी के साथ उन्हें कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं. एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के अनुसार सैलरी मिलती है. एसीडीएम की शुरुआती सैलरी 56,100 रुपये तक हो सकती है. हालांकि अन्य भत्ते मिलाकर ये और ज्यादा हो जाता है. सुविधाओं पर नजर डालें तो एसडीएम को सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी और घरेलू नौकर, सरकार की तरफ से वाहन, एक टेलिफोन कनेक्शन, मुफ्त बिजली, राज्य में आधिकारिक यात्राओं के दौरान आवास सुविधा, उच्च अध्ययन के लिए अवकाश, पेंशन आदि की सुविधाएं मिलती हैं.

ये हैं एसडीएम के प्रमुख काम

प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्य देखना.

क्षेत्रीय विवादों का निपटारा, आपदा प्रबंधन देखना.

राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव करना.

राजस्व मामलों का संचालन करना.

सीमांकन और अतिक्रमण से जुड़े मामलों को देखना.

सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण करना.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news