Advertisement
trendingPhotos1461175
photoDetails1hindi

UPSC Success Story: यूपीएससी क्लियर नहीं कर पातीं तो यह काम करतीं IAS अफसर, जानिए क्या था प्लान B

IAS Ishita Rathi Plan B: सफलता की कहानियां तो आपने बहुत पढ़ी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी स्टोरी बताने जा रहे हैं जो एक IAS ऑफिसर की है. हम बात कर रहे हैं यूपीएससी 2021 में आठवीं रैंक लाने वाली इशिता राठी की. 

1/6

इशिता ने बताया था कि मैंने पिछले टॉपर्स द्वारा चुनी गई स्ट्रेटजी के साथ तैयारी की और मेरी तैयारी का मेन सोर्स YouTube कंटेंट समेत ऑनलाइन कंटेंट था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है और चेन्नई के मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया.

2/6

इशिता का कहना है कि मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत मोटिवेट किया. उन्हें पुलिस की वर्दी में देखकर मैंने भी सिविल सेवा में शामिल होने के बारे में सोचा. मुझे सिविल सेवा सबसे उपयुक्त लगी जिसके माध्यम से मैं समाज के कल्याण के लिए और ज्यादा काम कर सकती हूं. आईएएस के काम ने मुझे आकर्षित किया.

3/6

मेरा पहला अटेंप्ट 2019 में पोस्टग्रेजुएशन पूरा करने के ठीक बाद था. 2020 में, मैंने लिखित परीक्षा क्लियर कर ली थी और इंटरव्यू राउंट में पहुंच गई थी. यह मेरा तीसरा अटेंप्ट था और मैंने आठवीं रैंक हासिल की. ​​जब मैंने अपना रिजल्ट देखा, तो मैंने तुरंत अपने माता-पिता को फोन किया.

4/6

जब वह परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो सोशल मीडिया पर मौजूद थीं, लेकिन इतनी एक्टिव नहीं थीं. इशिता ने डीएवी पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज से एडिशनल सब्जेक्ट के रूप में इकोनॉमिक्स के साथ साइंस में 12वीं पास की है. वह अपनी फैमिली के साथ साउथ दिल्ली के छतरपुर में रहती हैं.

5/6

इशिता राठी अगर यूपीएससी क्लियर नहीं कर पातीं तो एक टीचर बनतीं. यही उनका प्लान बी था. "मेरी पहली प्राथमिकता सिविल सेवा थी और दूसरी टीचिंग थी. अगर मैं सिविल सेवा परीक्षा में सफल नहीं होती, तो मैं इकोनॉमिक्स में ऐकेडमिक्स का ऑप्शन चुनती."

6/6

इशिता ने कहा कि उन्होंने कुछ घंटों की पढ़ाई के साथ अपने दिनों की प्लानिंग बनाई और फिर बीच में ब्रेक ले लिया. परीक्षा की तैयारी के लिए मैं जल्दी उठ जाती थी. खास बात यह है कि समय को ध्यान में रखकर पढ़ाई नहीं की बल्कि खुद को टारगेट दिया. कभी-कभी लक्ष्य मेरे विचार से पहले ही पूरे हो जाते थे, जबकि अन्य दिनों में इसमें 10 घंटे से ज्यादा समय लग जाता था.

ट्रेन्डिंग फोटोज़