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SDM Success Story: वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट पर काम करने वाली महिला अफसर ऐसे बन गईं SDM

SDM Sangeeta Raghav Inspirational Journey: ऐसा नहीं है कि सब पहले से तय करके रखते हैं कि बड़े होकर सिर्फ अफसर ही बनना है. कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपनी ग्रेजुएशन के बाद में तय करते हैं कि सरकारी अफसर बनना है. आज हम आपको एक ऐसी ही स्टोरी बताने जा रहे हैं, एसडीएम संगीता राघव की.

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संगीता राघव ने पहले यह तय नहीं किया था कि उनको एक सरकारी अफसर बनना है. संगीता ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई गुरुग्राम के देव समाज विद्या निकेतन स्कूल से की है. वहीं 12वीं करने के बाद उन्होंने राजकीय कन्या महाविद्यालय से ग्रेजुएशन किया.

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ग्रेजुएशन करने के बाद संगीता ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली की इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया. जब उनकी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी हो गई तो पीएचडी करने के लिए संगीता ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया.

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संगीता के पिता दिनेश राघव भारतीय नौसेना के एक रिटायर्ड ऑफिसर हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. जब संगीता अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थीं तो उन्हें वर्ल्ड बैंक और साउथ एशियन इंस्टिट्यूट के प्रोजेक्ट के लिए नेपाल और हिमाचल प्रदेश जाना पड़ा था. उस दौरान उन्होंने लोगों की हेल्प की थी. 

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बस यहीं से अफसर बनकर लोगों की मदद करने की बात में आ गई. इसके बाद उन्होंने अफसर बनने की जर्नी शुरू हुई. उन्होंने साल 2017 में UPPCS परीक्षा दी, लेकिन क्लियर नहीं कर पाईं. इसके बाद उन्होंने फिर मेहनत की और साल 2018 में यूपी पीसीएस परीक्षा पास की और दूसरी रैंक आई. 

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एग्जाम की तैयारी के लिए संगीता ने रोजाना 12-13 घंटे की पढ़ाई की. इसके अलावा उन्हें नौकरी के लिए अपनी पीएचडी भी बीच में ही छोड़नी पड़ी. पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने सीनियर्स से भी हेल्प ली. संगीता का मानना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान कम से कम लेकिन पॉजिटिव लोगों को अपने आसपास रखना चाहिए.  

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