कौन हैं अरुणीश चावला, जो बने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी? 23 साल में बन गए थे IAS, इतने हैं पढ़े-लिखे
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कौन हैं अरुणीश चावला, जो बने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी? 23 साल में बन गए थे IAS, इतने हैं पढ़े-लिखे

IAS Story: अरुणीश चावला की सफलता की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो प्रशासनिक सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहते हैं. उनकी मेहनत-दृढ़ता ने उन्हें न केवल एक सफल IAS अधिकारी, बल्कि एक कुशल प्रशासक के रूप में भी स्थापित किया है.

 

कौन हैं अरुणीश चावला, जो बने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी? 23 साल में बन गए थे IAS, इतने हैं पढ़े-लिखे

IAS Arunish Chawla Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करना आसान बात नहीं है, लेकिन इसमें सफल होने वाले उम्मीदवारों की पूरी लाइफ सेट हो जाती है. आज हम आपके लिए एक ऐसे ही IAS ऑफिसर अरुणीश चावला की कहानी लेकर आए हैं, जो बहुत ही कम उम्र में यूपीएससी की कठिन परीक्षा क्वालिफाई करके आईएएस बने और अब वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट की कमान संभालेंगे. यहां पढ़िए उनकी सफलता की कहानी 

रेवेन्यू डिपार्टमेंट के नए सेक्रेटरी
अरुणीश चावला का नाम हाल ही में तब चर्चा में आया, जब उन्हें भारत सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. 1992 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी, चावला अपनी मेहनत, प्रशासनिक क्षमता और आर्थिक नीतियों की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले वे रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स डिपार्टमेंट में सचिव के रूप में कार्यरत थे.

कहां से हुई पढ़ाई-लिखाई?
अरुणीश चावला ने एक छोटे गांव से लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तक का सफर तय किया. हरियाणा के एक छोटे से गांव में जन्मे अरुणीश चावला की शिक्षा की शुरुआत बेहद सामान्य रही. लेकिन उनके सपने बहुत बड़े थे. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से इकोनॉमिक्स में एम.एससी और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की. उनकी यह शिक्षा न केवल उनके करियर बल्कि उनकी प्रशासनिक कुशलता को भी नए आयाम देने में मददगार रही.

23 साल की उम्र में IAS बनने का रिकॉर्ड
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरुणीश चावला ने महज 23 साल की उम्र में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी. उनकी पहली पोस्टिंग 1993 में झारखंड के पलामू जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई. इसके बाद उन्होंने कैमूर, औरंगाबाद और जहानाबाद जैसे जिलों में जिला कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दीं.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाया हुनर
चावला की काबिलियत सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही. उन्होंने 2016 से 2019 तक भारतीय दूतावास, वाशिंगटन डीसी में मंत्री (इकोनॉमिक) के रूप में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद 2020 से 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में सीनियर इकोनॉमिस्ट के पद पर कार्य किया. उनकी अंतरराष्ट्रीय भूमिका ने उन्हें आर्थिक नीतियों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ दी.

केंद्र और राज्य स्तर पर योगदान
अपने करियर के दौरान चावला ने बिहार कैडर और केंद्र सरकार दोनों में अहम पद संभाले. बिहार में उन्होंने विकास और योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाला. इसके अलावा उन्होंने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भी कम समय के लिए अपनी सेवाएं दीं.

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