CUET UG 2024 का लेवल होगा आसान, Exam के बीच भी मिलेगा ब्रेक, पर दे पाएंगे सिर्फ 6 पेपर
Advertisement
trendingNow12166147

CUET UG 2024 का लेवल होगा आसान, Exam के बीच भी मिलेगा ब्रेक, पर दे पाएंगे सिर्फ 6 पेपर

CUET-UG 2024: इस साल आयोजित होने वाली सीयूईटी यूजी 2024 की परीक्षा का लेवल पहले से आसान होगा. साथ ही परीक्षा हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएगी और एक दिन में होने वाली परीक्षाओं के बीच छात्रों को ब्रेक भी दिया जाएगा.

CUET UG 2024 का लेवल होगा आसान, Exam के बीच भी मिलेगा ब्रेक, पर दे पाएंगे सिर्फ 6 पेपर

CUET-UG 2024: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट 2024 (CUET-UG 2024) का आयोजन इस साल सुचारू और परेशानी मुक्त तरीके से किया जाएगा. परीक्षा हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएगी और परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा परीक्षा का लेवल मध्यम से कठिनाई के लेवल का होगा और परीक्षा एडमिट कार्ड भी समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, यूजीसी प्रमुख एम जगदीश कुमार ने बुधवार को कहा कि सीयूईटी आयोजित करने के लिए जिम्मेदार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), उन शहरों की घोषणा करेगी जहां छात्रों को परीक्षा की तारीख से एक सप्ताह पहले परीक्षा देनी होगी.

उन्होंने कहा "चूंकि इस बार, एनटीए हाइब्रिड मोड में सीयूईटी-यूजी आयोजित कर रहा है, इसलिए हमारे पास शहरों में अधिक परीक्षा केंद्र होंगे, और छात्रों को उनकी पसंद के केंद्र मिलेंगे. सुरक्षा कारणों से, छात्र परीक्षा से कुछ दिन पहले एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे."

उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य छात्रों की पहुंच को बढ़ाना, लॉजिस्टिक चुनौतियों को कम करना और उम्मीदवारों के लिए पूरे परीक्षा अनुभव में सुधार करना है.

सीयूईटी यूजी 2024 के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट 15 मई से 31 मई 2024 के बीच आयोजित किया जाएगा.

यह CUET UG का तीसरा संस्करण है और इस बार लोकसभा चुनाव के समय आया है.

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि सीयूईटी यूजी 2024 की डेट शीट 26 मार्च को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जारी की जाएगी.

इससे पहले, एम जगदीश कुमार ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रवेश परीक्षा के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा.''

एएनआई से बात करते हुए, यूजीसी प्रमुख एम जगदीश कुमार ने कहा, "इस साल 10 पेपर देने के बजाय, छात्रों को अधिकतम छह पेपर लिखने की अनुमति दी जाएगी."

जगदीश कुमार ने कहा "इस निर्णय के पीछे तर्क यह है कि केवल कुछ प्रतिशत छात्रों ने पिछले वर्ष की परीक्षा में दस पेपर का विकल्प चुना था. इससे, पेपरों का शेड्यूल बहुत जटिल हो जाता है, जिसके कारण परीक्षा कई दिनों तक आयोजित करनी पड़ती है."

यूजीसी ने आगे कहा, "तनाव कम करने के लिए एक ही दिन में होने वाली परीक्षाओं के बीच ब्रेक सुनिश्चित किया जाएगा."

उन्होंने कहा, "गैप छात्रों को मानसिक और शारीरिक आराम देगा, जिससे उन्हें विषयों के बीच बदलाव करने और तनाव कम करने में मदद मिलेगी."

यूजीसी प्रमुख ने कहा कि कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता कम करने के लिए परीक्षा का कठिनाई का लेवल मीडियम रखा जाएगा.

उन्होंने कहा "हम सीयूईटी-यूजी में प्रश्नों के कठिनाई स्तर को मध्यम रखना चाहते हैं, क्योंकि छात्र इसे एक फेयर और मैनेजेबल चैलेंज के रूप में समझने की अधिक संभावना रखते हैं. ऐसे उचित कठिनाई स्तर के प्रश्नों का उत्तर देने से छात्रों की आंतरिक प्रेरणा और आत्म-प्रभावकारिता में सुधार हो सकता है, क्योंकि वे अनुचित बाहरी मदद के बिना परीक्षा की तैयारी करने और अच्छा प्रदर्शन करने की अपनी क्षमता में विश्वास करते हैं. छात्रों द्वारा अनुभव की गई यह सकारात्मक भावना एक बैच से दूसरे बैच में फैलती है और कोचिंग पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है."

सीयूईटी के दौरान धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई उपायों की भी योजना बनाई गई है, जिसमें कठोर आइडेंटिटी वेरिफिकेशन प्रोसेस शामिल हैं. इसमें गलत पहचान को रोकने के लिए फोटो आईडी और बायोमेट्रिक स्कैन को शामिल किया गया है.

यूजीसी प्रमुख ने कहा "बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी कि छात्रों के बीच कम्युनिकेशन कम से कम हो. पूरे परीक्षा हॉल की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में इंविजिलेटर नियुक्त किये जायेंगे. जबकि परीक्षा के दौरान रैंडम स्पॉट जांच भी की जाएगी."

उन्होंने कहा, "हम आंसर्स के बीच किसी भी असामान्य रुझान या समानता की पहचान करने के लिए आंसर्स और पैटर्न का भी एनालिसिस करते हैं, जो धोखाधड़ी का संकेत दे सकते हैं और उचित कदम उठाने में मदद करते हैं."

Trending news