सिनेमा हॉल में नौकरी, वेटर का किया काम; UPSC में कई बार हुए असफल, 7वें अटैम्प्ट में झोंक दिया सब कुछ
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सिनेमा हॉल में नौकरी, वेटर का किया काम; UPSC में कई बार हुए असफल, 7वें अटैम्प्ट में झोंक दिया सब कुछ

UPSC Success Story: आज हम आपको एक ऐसे ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी कामयाबी के रास्ते में हर एक कदम पर मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. पढ़िए के जयगणेश की सक्सेस स्टोरी...

सिनेमा हॉल में नौकरी, वेटर का किया काम; UPSC में कई बार हुए असफल, 7वें अटैम्प्ट में झोंक दिया सब कुछ

K Jayaganesh Success Story: आईएएस और आईपीएस बनने का सपना लाखों-करोड़ों युवा देखते हैं, लेकिन इसमें सफल कुछ ही युवा हो पाते हैं. इस सपने को पूरा करने के लिए चट्टान की तरह मजबूत इरादा होना जरूरी है, तब जाकर सफलता मिलती है. आज हम आपके लिए एक ऐसे ही ऑफिसर की सफलता की कहानी लेकर आए हैं, जिन्हें कामयाबी हासिल के लिए अपना घर छोड़ना पड़ा. सिनेमा हॉल में नौकरी से लेकर होटल में वेटर का काम भी करना पड़ा और ये सब करते हुए यूपीएससी की भी तैयारी की. हालांकि, इसके बावजूद भी उन्हेंन 6 बार असफलता मिली. 

परिवार की भी थी जिम्मेदारी
हम बात कर रहें है के. जयगणेश की, जिनकी हालात ने जमकर परीक्षा ली, लेकिन उन्होंने कोशिश नहीं छोड़ी और आखिरकार सफलता का स्वाद चख ही लिया. तमिलनाडु के रहने वाले के. जयगणेश ने वेलोर के थानथाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया है. चार भाई-बहनों में परिवार के सबसे बड़े बेटे पर परिवार की जिम्मेदारियां भी थी. जयगणेश ने तीन असफल प्रयासों के बाद चेन्नई के एक सरकारी संस्थान में एडमिशन लेकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की. 

वेटर का काम भी किया
घर से बाहर रहने के कारण जयगणेश के खर्च भी बढ़ें, इसलिए उन्होंने एक सिनेमा हॉल में काम तलाश लिया, जहां वे 8 घंटे की नौकरी करते थे. इससे कारण उनकी तैयारी में रुकावट भी आई और उन्हें फिर से  परीक्षा में असफलता मिली. इसके बाद उन्होंने और भी जॉब्स बदलीं. इतना ही नहीं उन्होंने वेटर का भी काम किया. 

7वें प्रयास में लगा दिया पूरा दम
के जयगणेश ने सिविल सेवा परीक्षा के 6 अटैम्प्ट दिए, लेकिन हर बार असफलता ही मिली. इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी. लगातार असफलताओं के बावजूद भी उन्होंने कभी अपना हौसला नहीं टूटने दिया. जयगणेश ने 6वें प्रयास में असफल होने के बाद भी अपनी तैयारी जारी रखी. इस बार उन्होंने अपनी पिछली कमियों को दूर करते हुए पूरी दृढ़ता और समर्पण के साथ खूद को झोंक दिया. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें यूपीएससी में न केवल सफलता मिली, बल्कि उन्होंने 156 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा में क्वालिफाई किया. 

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