Wright Flyer Amazing Facts: क्या आप जानते हैं दुनिया के पहले विमान ने पहली बार कब उड़ान भरी थी? उस विमान को उड़ाने वाला पायलट कौन था? यहां हम आपको दे रहे हैं ऐसे कई जरूरी सवालों के जवाब...
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Interesting Facts Of First Flight: आज के समय में आम इंसान के लिए भी फ्लाइट में बैठ कर आसमान की सैर करना बेहद आम बात हो गई है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब आकाश में ऊंची उड़ान भरने का तो छोड़ो किसी ने प्लेन जैसी किसी चीज की कल्पना भी नहीं की होगी. शायद ही किसी ने इस बारे में सोचा होगा कि इंसान को भी कभी पंख लग सकते हैं और वे बड़े आराम से हवा में उड़ान भर सकेंगे. जो सोचा नहीं जा सका, उस कल्पना को आज से 120 वर्ष पहले हकीकत में बदला गया. इतना वक्त गुजर गया, लेकिन आज भी आकाश में उड़ते हवाई जहाज को देखने के लिए बच्चे ही नहीं बड़ों की भी नजरें आसमान की तरफ चली ही जाती हैं.
17 दिसंबर 1903 को दुनिया के पहले विमान ने उड़ान भरी और इंसान को विज्ञान का एक और वरदान हासिल हुआ. 17 दिसंबर का दिन हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास के सबसे अहम दिन के नाम से दर्ज हुआ. यह तो हम सभी जानते हैं कि राइट्स ब्रदर्स ने दुनिया का पहला विमान उड़ाया था, लेकिन क्या आपको पता है कि यह हवाई जहाज कितनी ऊंचाई तक गया था और इसने आसमान में कितनी देर तक उड़ान भरी थी? आइए जानते हैं कि दुनिया में पहली बार इंसानों को कब 'पंख' लगे थे और यह विमान कैसे उड़ा था...
दो भाइयों का सपना हकीकत में बदला
इतिहास खंगाले तो पता चलता है कि आज के कुछ 119 वर्षों पहले दो भाइयों के सपने ने आकार लिया था. अमेरिका के रहने वाले ये दो भाई आगे चलकर राइट ब्रदर्स के नाम से मशहूर हुए. इन भाइयों के सपने को हकीकत में बदलने के सथ ही दुनिया को पहली बार इंसान को लेकर उड़ने वाली चीज के बारे में मालूम हुआ.
वह 17 दिसंबर 1903 का ही दिन था, जब विल्बर राइट और ऑरविल राइट इन दो भाइयों ने अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में हवाई जहाज उड़ाया था. राइट फ्लायर नाम का यह दुनिया का पहला विमान था, जिसने हवा में 120 फीट की ऊंचाई पर 12 सेकेंड तक उड़ान भरी थी. विल्बर और ऑरविल ने अपनी कल्पना को आकार देकर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था.
कब शुरू हुआ था सपने को हकीकत बनाने का काम?
राइट ब्रदर्स के इस सफर की शुरुआत साल 1899 से हुई थी, जब इन दोनों भाइयों ने उड़ान भरने के कॉन्सेप्ट पर वैज्ञानिक प्रयोग करने शुरू किए. इस काम में दोनों भाइयों ने स्मिथसोनियन के सैमुअल लैंगली के प्रयोगों का इस्तेमाल किया था. लैंगली अमेरिकी विमानन अग्रणी, खगोलशास्त्री और भौतिक विज्ञानी थे, जिन्होंने बोलोमीटर का आविष्कार किया था. वह स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के तीसरे सचिव और पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर थे.
जहां अब तक प्रोफेसर उड़ान भरने में कामयाबी हासिल नहीं कर सके थे, वहीं राइट्स ब्रदर्स ने हर हाल में सफल होने की ठान ली थी. विल्बर और ऑरविल ने लैंगली के प्रयोगों की मदद लेने के के अलावा उनके साथ मिलकर भी कई प्रयोग किए.
इस तरह बना था पहला विमान
एक रिपोर्ट के मुताबिक राइट्स ने लकड़ी, एक सूती कपड़ा और एल्यूमिनियम के जरिए 6.4 मीटर लंबे, 2.8 मीटर ऊंचे और 274 किलो वजनी विमान तैयार कर लिया था, जिसका विंगस्पैन 12.3 मीटर का था. इस तरह 17 दिसंबर 1903 को दोनों भाइयों ने इस विमान पर सवार होकर बिग किल डेविल हिल के ऊपर से उड़ान भरी. इस तरह राइट ब्रदर्स के सपने अथक मेहनत के बाद बना था दुनिया का पहला विमान.