कौन हैं IAS के जयगणेश, जो 6 बार हुए असफल? ऐसा रहा UPSC पास करने के लिए वेटर बनने से कामयाबी पाने तक का सफर
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कौन हैं IAS के जयगणेश, जो 6 बार हुए असफल? ऐसा रहा UPSC पास करने के लिए वेटर बनने से कामयाबी पाने तक का सफर

IAS Story: आईएएस बनना कोई आसान खेल नहीं हैं, लेकिन इस खेल में जीतने तक का सफर बहुत ही मुश्किल है. ऐसे ही मुश्किल हालातों को पार करके एक शख्स ने अपनी मंजिल हासिल की है. इनका नाम है आईएएस के जयगणेश. पढ़िए उनकी कहानी...

कौन हैं IAS के जयगणेश, जो 6 बार हुए असफल? ऐसा रहा UPSC पास करने के लिए वेटर बनने से कामयाबी पाने तक का सफर

IAS K Jayaganesh Success Story: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही सही स्ट्रैटजी होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा दुनिया के सबसे टफ एग्जाम्स में से एक इस परीक्षा को पास करने के लिए इरादा पक्का होना चाहिए, तब जाकर सिलेक्शन हो पाता है. लाखों युवाओं में से हर साल करीब एक हजार ही यह हाई-प्रोफाइल परीक्षा पास कर पाते हैं.

आज हम आपके लिए एक ऐसे ही ऑफिसर की सफलता की कहानी लेकर आए हैं, जिन्हें हर कदम पर चुनौतियां मिली. पढ़ाई के लिए कभी सिनेमा हॉल में तो कभी होटल में काम करना पड़ा. पढ़िए IAS के. जयगणेश की कहानी, जिन्होंने कामयाबी के रास्ते में हर कदम पर मुश्किल झेली, लेकिन जीत जाने तक संघर्ष करते रहे...

ऐसी है के. जयगणेश की कहानी
खराब परिस्थितियों के बावजूद के. जयगणेश ने आईएएस बनने का सपना देखा और परीक्षा की तैयारी भी जारी रखी. के. जयगणेश की आर्थिक हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे. उनके पिता एक कारखाने में काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. ऐसे में अपनी आर्थिक जरुरतों के चलते जयगणेश को अपने इस सफर के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन वह किसी भी हाल में पीछे नहीं हटे. 

कहां से की है पढ़ाई-लिखाई? 
के. जयगणेश तमिलनाडु के रहने वाले हैं, उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से कंप्लीट की. इसके बाद उन्हें एक पॉलिटेक्निक कोर्स करने का फैसला लिया. आगे चलकर जयगणेश ने थांथी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. हालांकि, जयगणेश एक अच्छी नौकरी पाने के लिए इतनी क्वालिफिकेशन को पर्याप्त नहीं मानते थे. 

4 भाई-बहनों में सबसे बड़े बेटे पर परिवार की जिम्मेदारियां भी थी.  घर से बाहर रहने के कारण उनके खर्च भी बढ़ें, इसलिए उन्होंने एक सिनेमा हॉल में अपने लिए काम की तलाश की और होटल में वेटर का भी काम किया. हालांकि, काम करने के चलते उनकी पढ़ाऊ में रुकावटें भी आई, लेकिन काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प था भी नहीं.

के. जयगणेश 6 बार असफल हुए
के जयगणेश को लगातार असफलता ही मिल रही थी. उन्होंने तीन असफल प्रयासों के बाद चेन्नई के एक सरकारी संस्थान में एडमिशन लेकर यूपीएससी की तैयारी की.  अपने 6 अटेम्प्ट में मिली लगातार असफलताओं के बावजूद भी उन्होंने कभी हौसला नहीं टूटने दिया. इस तरह अपने आखिरी और 7वें प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली. पिछली सभी कमियों को दूर करते हुए पूरी दृढ़ता और समर्पण के साथ खुद को झोंक दिया और उनकी मेहनत रंग लाई. 

बताया जाता है कि अपने लास्ट अटेम्प्ट की तैयारी के दौरान के. जयगणेश का सिलेक्शन इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए भी हो गया था, तब उनके पास दो रास्ते थे कि या तो यूपीएससी की परीक्षा दे या अवसर का लाभ उठाकर आईबी में शामिल हो जाए. उन्होंने पहला ऑप्शन चुना और 2008 में ऑल इंडिया रैंक 156 के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की. इस तरह के. जयगणेश ने आखिरकार सफलता का स्वाद चखा और आईएएस ऑफिसर बनकर ही दम लिया. 

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