Wholesale price index: थोक महंगाई दर (Wholesale price index) में फरवरी में 4 महीने के लो लेवल पर पहुंच गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) 0.27 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी हो गई है.
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WPI Data: फरवरी महीने में देश में महंगाई दर में गिरावट आई है. थोक महंगाई दर (Wholesale price index) में फरवरी में 4 महीने के लो लेवल पर पहुंच गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) 0.27 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी हो गई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर इस बारे में बताया गया है.
जनवरी महीने में थोक मुद्रास्फीति 0.27 फीसदी पर थी. वहीं, अप्रैल से अक्टूबर तक यह आंकड़ा निगेटव था और नवंबर महीने में यह 0.26 फीसदी पर पहुंच गया था.
मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि WPI संख्या पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर फरवरी, 2024 के महीने के लिए 0.20 प्रतिशत (अस्थायी) है, जो फरवरी, 2023 से अधिक है.
सब्जियों पर बढ़ी महंगाई
आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी के 6.85 प्रतिशत से मामूली बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई. सब्जियों की महंगाई दर जनवरी के 19.71 से बढ़कर फरवरी में 19.78 फीसदी रही. दालों की थोक महंगाई दर फरवरी में 18.48 फीसदी रही, जो जनवरी में 16.06 फीसदी थी.
WPI का आम आदमी पर असर
थोक महंगाई दर अगर लगातार बढ़ी रहती है तो इसका प्रोडक्टिव सेक्टर पर बुरा असर पड़ता है. सरकार सिर्फ टैक्स के जरिए ही डब्लूपीआई को कंट्रोल कर सकती है. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी. वहीं, टैक्स को सरकार एक लिमिट तक ही कम कर सकती है.